हरियाणा में बंजर जमीन उगल रही ‘सोना’, किसान ऐसे कर रहे करोड़ों की कमाई

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    देशभर में किसानों की बचत में अब इज़ाफ़ा होने लगा है। कई लोग अपना काम छोड़कर खेती-बाड़ी कर रहे हैं। हरियाणा के सिरसा जिले में कृषि के लिए अभिशाप कही जाने वाली खारा जमीन और खारा पानी आजकल किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। किसान यहां पर खारा पानी की झींगा मछली पाल रहे हैं इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है।

    किसानों को अब मुनाफा अच्छा होने लगा है। पहले मजदूरी के पैसे भी नहीं निकलते थे अब करोड़ों में सेविंग्स हो रही है। पहले राज्य में बहुत ऐसी जमीन है जो जहां पर खारा पानी ज्यादा है इस कारण से वहां पर खेती नहीं हो पाती थी और जमीन बंजर रह जाती थी। लेकिन किसानों ने फसल विविधीकरण के माध्यम से झींगा मछली पालन का व्यवसाय करके अन्य फसलों की तुलना में अधिक पैसा कमाना शुरू कर दिया है।

    हरियाणा में बंजर जमीन उगल रही 'सोना', किसान ऐसे कर रहे करोड़ों की कमाई

    गत वर्षों के दौरान देखने को मिला है कि पारंपरिक खेती से दूर हो कर किसान नए प्रयोग कर रहे हैं। यह भी उन्ही में एक है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। पूरे राज्य में 785 एकड़ जमीन में मछली पालन किया जा रहा है, जिसमें से 400 एकड़ जमीन सिरसा में है। हरियाणा के अंतिम छोर पर राजस्थान और पंजाब की सीमा से लगे सिरसा जिले में राज्य में सबसे ज्यादा किसान हैं। इस जिले में किसान शुरू से ही मुख्य रूप से नर्मा, कपास, ग्वार, धान, गेहूं की खेती करते रहे हैं।

    हरियाणा में बंजर जमीन उगल रही 'सोना', किसान ऐसे कर रहे करोड़ों की कमाई

    नए प्रयोगों में उन्हें सफलता और मुनाफा दोनों मिल रहा है। कृषि के लिए अभिशाप मानी जाने वाली खारी जमीन और खारा पानी हरियाणा के सिरसा जिले में किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। लंबे समय तक पारंपरिक खेती को अपनाने के कारण यहां क्षेत्र में कुछ स्थानों पर भूजल काफी नीचे चला गया। इससे वहां के हजारो की वहां हजारों एकड़ भूमि खारा हो गई। अब जब जलस्तर उपर आ गया है पर पानी और मिट्टी दोनो ही खारे हो गये हैं।

    हरियाणा में बंजर जमीन उगल रही 'सोना', किसान ऐसे कर रहे करोड़ों की कमाई

    जिसने भी हटकर काम किया है उसने सफलता ज़रूर प्राप्त की है। यह प्रयोग किसानों को काफी लाभ पहुंचा रही है। देश भर में किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लागू की गई थी।