भारत में बन रहा विश्व का 9वां अजूबा इस जगह तैयार हो रहा तैरता सोलर पार्क, देखे तस्वीरें

    0
    258

    रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में देश अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। सरकार तत्परता से इसपर कार्य कर रही है। मध्य प्रदेश के खंडवा में विश्व का सबसे बड़ा तैरता सोलर पार्क बनने जा रहा है। यह नर्मदा नदी के ओंकारेश्वर बांध पर बनेगा। इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट ऊर्जा मिलने लगेगी। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

    600 मेगावाट वाले इस परियोजना में अनुमानित निवेश 3,000 करोड़ रूपये है।’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने के अनुसार, इससे मध्य प्रदेश में बिजली की समस्या दूर हो जाएगी। इसके साथ ही पर्यावरण सरंक्षण में भी मदद मिलेगी। वहीं अगर यह प्रोजेक्ट पूरी तरह सफल रहता है तो यह विश्व का अपने आप में 9वां अजूबा कहलाएगा।

    भारत में बन रहा विश्व का 9वां अजूबा इस जगह तैयार हो रहा तैरता सोलर पार्क, देखे तस्वीरें

    परियोजना से वर्ष 2022-23 तक विद्युत उत्पादन मिलने की संभावना है। भारत ने विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर सोलर पार्क का काम शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट में बनाए जा रहे सोलर पैनल ओंकारेश्वर बांध के बैकवॉटर में तैरेंगे। वहीं पानी के उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं होगा। ये सतह पर अपने आप तैरेंगे। तेज लहरों से भी इन पर कोई नुकसान नहीं होगा। सूरज की किरणों से लगातार बिजली बनती रहेगी।

    भारत में बन रहा विश्व का 9वां अजूबा इस जगह तैयार हो रहा तैरता सोलर पार्क, देखे तस्वीरें

    इस प्लांट से 2022-23 तक 600 मेगावाट ऊर्जा मिलने लगेगी। हो सकता है कि मध्य प्रदेश में सस्ती बिजली मिलने लगे। विश्व का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर पार्क स्थापित होने से बिजली की समस्या दूर हो जाएगी। पॉवर हब के रूप में पहचान बना रहे मध्यप्रदेश में इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन, वर्ल्ड बैंक और पॉवर ग्रिड ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है और प्रोजेक्ट से जुड़ी पहली स्टडी पूरी हो चुकी है।

    भारत में बन रहा विश्व का 9वां अजूबा इस जगह तैयार हो रहा तैरता सोलर पार्क, देखे तस्वीरें

    खंडवा जिले में नर्मदा नदी पर ओंकारेश्वर बांध है। अब ओंकारेश्वर से लेकर खंडवा सब-स्टेशन तक ट्रांसमिशन लाइन रूट का सर्वे किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि इस प्रोजेक्ट से से समाज और पर्यावरण पर क्या असर होगा।