कहते हैं किसी चीज को दिल से चाहो, तो पूरी कायनात उससे मिलाने की कोशिश करती है, चाहे कितनी ही बाधाएं क्यों ना हो। अगर आपको सफलता प्राप्त करनी है तो आपको मेहनत भी करनी होगी। अगर हम मेहनत करेंगे तो हमारी किस्मत भी हमारी साथ देगी, क्योंकि किस्मत उन्हीं का ही साथ देती है जो मेहनत करते हैं।
पंजाब के बठिंडा जिले के रहने वाले राजवीर सिंह की कुछ ऐसी ही कहानी है। बिना हाथ हिलाए निवाला भी हमारे मुंह के अंदर नहीं जाएगा। इन्होनें ये साबित कर दिया कि केवल डिग्री प्राप्त करने से ही मंजिल नहीं मिलती, इसके लिए मन में मंजिल पाने की सच्ची लगन और निष्ठा होनी चाहिए।
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे एक दिन ऐसा जरूर आता हैं जिस समय उसे किसी चीज का त्याग करना पड़ता है। राजवीर सिंह पंजाब के एक छोटे से गांव मेहराज के रहने वाले है। आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद राजवीर सिंह ने अपनी मां की बीमारी के कारण पढ़ाई छोड़ दी, पैसो की किल्लत के कारण उन्होंने खेती के साथ-साथ कुछ सहायक धंधों की शुरुआत की और अपने आमदनी में बढोत्तरी किया।
अपनी मां की बीमारी के कारण पढ़ाई तक छोड़ दी। कामयाब बनने का सपना देखना कभी नहीं छोड़ा। राजवीर सिंह ने 40 साल की उम्र में अपने सपनों को साकर करने के लिए मछली फार्म हाउस बनाया और धीरे-धीरे उनके आमदनी में वृद्धि होती गई। उनके कारोबार का दायरा बढ़ता गया और आसपास के जिलों में भी उन्होंने मछली पालन का कार्य शुरू कर दिया। सभी तरह के लागत खर्च निकालकर राजवीर सिंह की सालाना कमाई 45 लाख रुपए है।
उनकी लग्न और कड़ी मेहनत के बदौलत उन्होंने सब हासिल किया है। राजवीर की चर्चाएं हर ओर हो रही है और लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे।