क्या फिक्स था 2011 विश्व कप का फाइनल मुकाबला?

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28 सालों के बाद भारत ने साल 2011 में क्रिक्रेट विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने इतिहास रच दिया था। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में धोनी सेना ने श्री लंका को हरा कर ट्रॉफी अपने नाम की थी। अब श्री लंका के पूर्व खेल मंत्री ने यह कहकर चौंका दिया है कि वो फाइनल मुकाबला जो भारत और श्री लंका के बीच खेला गया था वो फिक्स था।

क्या फिक्स था 2011 विश्व कप का फाइनल मुकाबला?

साल 2011 में अलूथगमागे श्री लंका के खेल मंत्री थे, उन्होंने बिना किसी सबूत के ये आरोप लगाया है। अलूथगमागे ने कहा है कि वो अपने इस बयान की पूरी जिममेदारी लेते हैं। अलूथगमागे ने कहा कि वो इस बारे में कोई और खुलासा नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें अपने देश की इज्जत की चिंता है।

क्या फिक्स था 2011 विश्व कप का फाइनल मुकाबला?

एक इंटरव्यू में अलूथगमागे ने कहा कि “में अपने बयान पर कायम हूं, कि साल 2011 में हुआ वर्ल्ड कप फाइनल फिक्स था जब में खेल मंत्री था। ” उन्होंने कहा कि में अपने बयान की पूरी जिममेदारी लेता हूं और बहस के लिए तैयार हूं। में इसमें खिलाड़ियों को शामिल नहीं करूंगा लेकिन कुछ समूह जरूर इस मैच को फिक्स करने में शामिल थे।

क्या फिक्स था 2011 विश्व कप का फाइनल मुकाबला?

विश्व कप 2011 के फाइनल में कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्री लंका ने 6 विकेट खोकर 274 रन बनाए थे। 275 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया। गौतम गंभीर ने 122 गेंदों पर शानदार 97 रनों की पारी खेली। धोनी और गंभीर के बीच चौथी विकेट के लिए 109 रनों की पार्टनरशिप हुई और आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर एमएस धोनी ने भारत को मैच जिता दिया था और भारत ने विश्व कप अपने नाम कर लिया था।

Written by – Ansh Sharma