कोरोना वायरस में छात्रों के डूबते भविष्य को संवारने के लिए सरकार और शिक्षण संस्थान दें साथ

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indian student studying कोरोना वायरस में छात्रों के डूबते भविष्य को संवारने के लिए सरकार और शिक्षण संस्थान दें साथ
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कोरोना वायरस से बढ़ती लोक डाउन की मियाद के कारण अटकले कम होने का नाम ही नहीं लें रहीं हैं। लेकिन इन अटकलों में देश के युवाओं का भविष्य संवारने का प्रयास प्रभावित होता दिख रहा है।

जिस तरह से यह संक्रमण लोगों को अपनी आवोहवा में ले रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ इन विद्यार्थियों और युवाओं का भविष्य अंधेरे से निकालने के लिए शिक्षण संस्थान पुरजोर कोशिश कर रही है।

जिसके चलते सीबीएसई के दसवीं बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्रों को बाकी बची परीक्षा के एग्जाम के मार्क्स एसेसमेंट मार्क्स के आधार पर देने का निर्णय ले चुकी हैं।

कोरोना वायरस में छात्रों के डूबते भविष्य को संवारने के लिए सरकार और शिक्षण संस्थान दें साथ

इतना ही नहीं सरकार द्वारा यह फ़ैसला भी लिया जा सकता है कि जब तक कोरोना वायरस से फ़ैल रहें संक्रमण को लेकर को स्थिति संभल नहीं जाती है, शिक्षण संस्थान बन्द ही रहेंगे।

इतना ही नहीं अगर शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए या मई के पहले या दूसरे हफ्ते तक का समय लिया तो जून के समय स्कूल से छात्रों को मिलने वाली छुट्टियों में कटौती की जाएगी।

इतना ही नहीं जितने भी प्रतियोगितत्मक शिक्षाएं है चाहे वो JEE, NEET, UGC – NET, NTA, JEE -ADVANCR इन सभी में भी बदलाव आएगा। जो विद्यार्थी सालों से इन परीक्षाओं का इंतजार का रहें हैं, उनकी तैयारियों में भी छात्रों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

इसलिए छात्रों के अध्याय पर कोई असर ना पड़े यह देखते हुए इसलिए स्कूल प्रबंधन को जरूरत है कि वह ऑनलाइन क्लासेज के जरिए छात्रों को शिक्षित किया जा सकें।

इन दिनों एक बड़े बदलाव के कारण कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए युवाओं को कॉलेज बुलाने की वजह जरूरत है कि एडमिशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया जाए, ऑफलाइन की सभी प्रक्रिया बन्द कर दी जाए।

ऐसे ही युवाओं को भी ऑनलाइन क्लासेज के जरिए आगे के अध्याय को शुरू करवा दिया जाए, ताकि युवा विद्यार्थियों को भी अपने नए अध्ययन को समझने के लिए शिक्षण संस्थानों का पूर्ण समर्थन मिल सकें।

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