हरियाणा सरकार ने कीमतो को कम करते हुए राज्य में कोविड -19 परीक्षण दरों को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में कोरोना टेस्ट की कीमतें तय कर दी हैं। अब राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 टेस्टिंग के लिए 4500 की जगह मात्र 2400 रुपए लगेंगे। गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति के सुझावों के बाद यह फैसला लिया गया है।
रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, एलजी अनिल बैजल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के साथ हुई बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था। बुधवार शाम को कहा कि कमेटी के सुझावों के बाद दिल्ली में कोविड-19 जांच की कीमत 2,400 रुपए निर्धारित कर दी गई है।
शाह ने इस बैठक में दिल्ली में कोरोना की जांच में तेजी लाने का निर्देश भी दिया था। अब दिल्ली में 18 जून से रैपिड एंटीजन मेथोडोलॉजी से कोरोना की जांच होगी। इसके लिए दिल्ली में 169 सेंटर बनाए गए हैं।अमित शाह के आदेश अनुसार ,दिल्ली के कंटेनमेंट जोन में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के लिए हेल्थ सर्वे की शुरुआत हो चुकी है।
As per the directives of HM @AmitShah in providing relief to the common man. High level expert committee's report on #COVID19 testing rates received by @MoHFW_INDIA has been further sent to Delhi Govt for necessary action. It has been decided to fix the test rate at Rs 2,400.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) June 17, 2020
जानकारी के मुताबिक, कुछ होटल को भी कोरोना मरीजों को आइसोलेट करने हेतु अपने कमरे अस्पतालों को देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही रेलवे ने भी 300 के आसपास कोच को दिल्ली सरकार को आइसोलेशन के लिए देने का फैसला किया है। शकूर बस्ती और आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर इन आइसोलेशन कोच को रखा ।
सूत्रों के हवाले से, 15 और 16 जून के बीच 242 कंटेनमेंट जोन में रहने वाले 2 लाख 30 हजार 466 में से 1 लाख 77 हजार 692 लोगों का सर्वे हो चुका है। बाकी बचे हुए लोगों का सर्वे भी 20 जून तक हो जाएगा। रविवार को हुई बैठक के बाद दिल्ली में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए थे।
हरियाणा ने मांगी रिपोर्ट में सटीकता
स्वास्थ्य विभाग ने अहमदाबाद मॉडल का पालन करते हुए उपचार शुल्क लगाने का निर्णय लिया था।
स्वास्थ्य अधिकारियों को निजी लैबों पर लगाम लगाने के लिए भी कहा गया था। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने खुलासा किया कि यूपी की प्रयोगशालाओं में फर्जी सकारात्मक मामलों की रिपोर्ट के बाद, हरियाणा सरकार नमूने की सख्त जाँच चाहती है और यहाँ तक कि निजी प्रयोगशालाओं की नैदानिक साख भी सुनिश्चित करती है ताकि परिणामों की सर्वोत्तम सटीकता हो।