बिहार की “साइकिल गर्ल ज्योति” ने पेश की एक और मिसाल, पुरस्कार में मिली राशि से किया ये नेक काम

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लॉकडाउन के दौरान बीमार पिता को साइकिल के कैरियर पर बिठा कर गुरुग्राम से दरभंगा लाने वाली साइकिल गर्ल ज्योति ने एक बार फिर लोगों का दिल जीतने वाला काम किया है। ज्योति ने पुरस्कार स्वरूप में मिली राशि से अपनी गरीब बुआ की शादी करवाई ।

बिहार की "साइकिल गर्ल ज्योति" ने पेश की एक और मिसाल, पुरस्कार में मिली राशि से किया ये नेक काम

कविता की शादी समस्तीपुर जिले के खानपुर थाना क्षेत्र के नाथुद्वार गांव के शिवू पासवान के पुत्र अरविंद पासवान के साथ श्यामा मंदिर में हुई है। इसके लिए ज्योति ने पुरस्कार में मिली राशि में से Rs.50,000 खर्च किए और अपनी गरीब चचेरी बुआ कविता के हाथ पीले कर, ना सिर्फ लोगों का दिल जीता बल्कि एक सकारात्मक सन्देश भी दे दिया।

बिहार की "साइकिल गर्ल ज्योति" ने पेश की एक और मिसाल, पुरस्कार में मिली राशि से किया ये नेक काम

ज्योति के दादा दो भाई थे, दोनों दादा कारी पासवान और शिवनंदन पासवान दोनों का निधन हो चुका है। चचेरी दादी विधवा लीला देवी लकवा ग्रस्त हैं। ज्योति ने अपनी चचेरी दादी की हालत देख उनकी बेटी कविता कुमारी की शादी कराने का फ़ैसला लिया और यह बात उसने अपने माता पिता से कही। इस संबंध में ज्योति के पिता मोहन पासवान ने कहा कि ज्योति ने ही कविता की शादी करा देने का सुझाव दिया था।

बिहार की "साइकिल गर्ल ज्योति" ने पेश की एक और मिसाल, पुरस्कार में मिली राशि से किया ये नेक काम

उसने कहा कि कल हमारे पास कुछ नहीं था, लेकिन आज जो कुछ है बहुत है तो एक गरीब की बेटी की शादी करा देनी चाहिए। उन्होंने इसे स्वीकार किया और आज ज्योति के पैसों से रिश्ते में उसकी बहन कविता की शादी अरविंद से हो पाई। उन्होने कहा कि इसमें सब कुछ ज्योति का है और उन्हें अपनी बेटी पर नाज़ है।

Written by- Ansh Sharma