बेटी जब होती है तो कुछ के लिए लक्ष्मी तो कुछ के लिए बोझ लगती है। बेटियों की ताकत को दुनिया पहचान रही है। आज भी हमारे समाज में बहुत से विकृत मानसिकता के लोग रहते हैं जो बेटा और बेटी में भेदभाव करते हैं। यह सोच कोई नई नहीं है बल्कि काफी पुरानी है। यह सोच समाप्त नहीं हो रही है। आज भी अगर किसी के घर बेटा पैदा होता है तो खूब खुशियां मनाते हैं और लोगों को मिठाइयां खिलाते हैं, बेटी पैदा होती है बिल्कुल भी खुशी जाहिर नहीं करते हैं।
समय के साथ – साथ हालाँकि इसमें कमी देखी गयी है लेकिन आज भी गांवों में ऐसा होता रहा है . बेटी का जन्म होने पर इनके मन में कोई भी खुशी देखने को नहीं मिलती है, हमारे देश में ऐसे बहुत से स्थान हैं जहां पर लड़कियों की संख्या लड़कों से बहुत कम है, देश के कई स्थानों पर बेटी के जन्म पर लोगों को बिल्कुल भी खुशी नहीं होती हैयह इनकी विकृत मानसिकता है जो कि बेटा और बेटी में फर्क देखती है।
देखा जाए तो आजकल बेटियां बेटे से पीछे नहीं है, बल्कि यह बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है, आजकल बेटियां ही अपने मां-बाप का नाम रोशन कर रही हैं। हम आपको ऐसी महिला डॉक्टर के बारे में जानकारी देने वाले हैं जो बेटी और बेटा में भेदभाव करने वाले लोगों के लिए एक सबक बन रही है, यह महिला डॉक्टर अगर बेटी का जन्म होता है तो यह उसके लिए बिल्कुल भी फीस नहीं लेती है।
डॉक्टर इतनी उदारदिल है कि बेटी होने की खुशी में पूरे नर्सिंग होम में मिठाईयां बंटवा देती हैं, आप लोगों ने बहुत से लोगों को देखा होगा कि जब बेटी का जन्म होता है तो उनके चेहरे पर मायूसी आ जाती है, कुछ लोग तो निर्धन होने की वजह से रोने भी लगते हैं परंतु यह महिला डॉक्टर ऐसे ही लोगों की सोच बदलने का प्रयत्न करने में जुटी हुई हैं।
डॉक्टर इस कोशिश में लगी हुई है कि चाहे बेटा हो या बेटी, लोग इनको खुशी से अपनाएं और बेटा-बेटी में भेदभाव ना करें। इनका नाम डॉक्टर शिप्रा धर है, जोकि लोगों की तारीफ के लायक है, जब इनके नर्सिंग होम में किसी बेटी का जन्म होता है तो यह बिल्कुल भी फीस नहीं लेती है और ना ही कोई बेड चार्ज लेती हैं, यह पूरे नर्सिंग होम में अपनी तरफ से मिठाई भी बँटवाती हैं।