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इस दिवाली ₹1.25 लाख करोड़ का कारोबार, टूटे पिछले 10 साल के सभी रिकॉर्ड, चीन को 50 हजार करोड़ की चपत

भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देने के इस बार दीपावली पर लोगों ने खूब खरीदारी की। इस बार हिंदुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दीपावली पर जबरदस्त खरीदारी हुई है। इस दीपावली करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जिसने खरीदारी के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने यह जानकारी साझा की।

CAIT ने उम्मीद जताई है कि आगे भी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए इसी तरह का सकारात्मक माहौल बना रहेगा।

इस दिवाली ₹1.25 लाख करोड़ का कारोबार, टूटे पिछले 10 साल के सभी रिकॉर्ड, चीन को 50 हजार करोड़ की चपत

महामारी के बाद दिवाली पर बाजार में छाई रौनक अर्थव्यवस्था की गति का संकेत है। पिछले साल महामारी के कारण दिवाली पर बाजार में खामोशी छाई थी। हालाँकि, देश में अभी महामारी का संकट खत्म नहीं हुआ है।

कैट द्वारा दी जानकारी के अनुसार पिछले एक दशक में दिवाली के दौरान की गई खरीदारी का यह उच्चतम स्तर है। कैट ने कहा है कि इस दिवाली देशवासियों ने जमकर खरीदारी की है और भारतीय उत्पादों को बढ़ावा दिया।

दरअसल, कैट चीन में बने सामानों को लेकर देशवासियों को समय-समय पर जागरूक करने का काम करता रहा है। इस साल भी संस्था ने यह अभियान चलाया था। कैट ने कहा कि बीते साल की तरह इस साल भी संगठन ने चीन में निर्मित उत्पादों के बहिष्कार के लिए लोगों से अपील की थी।

इसके साथ ही भारतीय कारोबारियों से चीन के सामानों को आयात नहीं करने के लिए भी कहा था। CAIT का अनुमान है कि इससे चीनी व्यापारियों को तकरीबन 50,000 करोड़ रुपये का कारोबारी नुकसान हुआ है।

इससे पहले कैट ने अनुमान लगाया था कि इस साल दिवाली पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए का कारोबार होगा, जबकि साल के अंत तक उपभोक्ताओं द्वारा खर्च के रूप में करीब 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।

कैट ने अपने बयान में कहा कि इस साल दिवाली पर लोगों में नया उत्साह देखने को मिला। बाजारों में उपभोक्ताओं की भीड़ से ऐसा लगा कि लोग इस बार दो साल की खरीदारी एक साथ कर रहे हैं।

वहीं CAIT के सचिव जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हाल ही में संस्था की रिसर्च विंग ने 20 बड़ों शहरों में इस मुहिम को लेकर सर्वे किया था। सर्वे में सामने आया कि भारतीय आयातकों ने चीनी निर्यातकों के साथ दिवाली के सामान, पटाखों या दूसरी किसी चीज का भारी-भरकम ऑर्डर नहीं किया।

संस्था ने यह सर्वे नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, नागपुर, जयपुर, भुवनेश्वर, अहमदाबाद, राँची, गुवाहाटी, पटना, भोपाल, जम्मू, बेंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै और पुडुचेरी में कराया था।

PEHCHAN FARIDABAD

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