इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों में ग्रुप ए और बी की भर्तियां एचपीएससी और ग्रुप सी और डी की भर्तियां एसएससी द्वारा करवाने के निर्णय की तीखे शब्दों में आलोचना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर सीधा प्रहार है।
भाजपा सरकार का यह निर्णय यूजीसी के नियमों के विरुद्ध है। भाजपा ने पहले ही ऐसे लोगों को विश्वविद्यालयों के कुलपति लगा रखे हैं जिनकी योग्यता पर सवाल उठ चुके हैं। इसके अलावा कई विश्वविद्यालयों में स्थाई कुलपति नहीं हैं और जो हैं उनमें से कई अन्य राज्यों से लाए गए हैं।
अब ऐसा निर्णय लेकर भाजपा आरएसएस के अयोग्य लोगों को जबरदस्ती भर्ती कर विश्वविद्यालयों पर थोपना चाहती है। हम यह कतई नहीं देंगे कि भाजपा सरकार हरियाणा के विश्वविद्यालयों को प्रयोगस्थल के रूप में इस्तेमाल करें।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में आश्वासन दिया था कि सरकार स्वायत्त निकायों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करेगी। लेकिन अब विश्वविद्यालयों से भर्तियों की स्वायत्तता छीनने के इस निर्णय से साफ हो गया है कि भाजपा की कथनी और करनी में जमीन और आसमान का अंतर है।
भाजपा के शासन काल में जहां एचपीएससी और एसएससी के दो दर्जन से अधिक भर्ती पेपर लीक घोटाले हो चुके हैं वहीं हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा के चेयरमैन बी के कुठियाला पर भोपाल (मध्य प्रदेश) में माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में अयोग्य लोगों की भर्ती और फंडस के दुरुपयोग की एफआईआर तक दर्ज है। ऐसे में विश्वविद्यालयों की भर्तियां इन आयोगों से करवाने का निर्णय भाजपा सरकार की मंशा पर प्रश्रचिन्ह लगाता है।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इसलिए सरकार अपने इस निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापिस ले। इनेलो पार्टी ने हमेशा कर्मचारियों का समर्थन किया है और प्रदेश के कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है। अगर भाजपा सरकार द्वारा इन कर्मचारियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव किया गया तो भाजपा सरकार को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे को विधानसभा के अंदर और बाहर, दोनों जगह उठाऊंगा।