हरियाणा सरकार ने प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एलोपैथिक) स्तर पर आयुष सुविधाओं का विस्तार करने के उद्देश्य से 419 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 419 आयुष चिकित्सकों, 419 आयुष फार्मासिस्ट, 419 सेवादारों और इतने ही पार्ट टाइम सफाई कर्मचारियों के पद भरने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इन पदों को भरने के साथ-साथ आबंटित की जा सकने वाली स्कीम के चलाने हेतु वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 36,45,13,000 रुपये के बजट के आयुष विभाग के एक प्रस्ताव पारित कर दिया हैं
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग से जुटाई गई नई जानकारी के अनुसार विभाग के तहत 528 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 131 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत हैं। विभाग द्वारा इन 528 पीएचसी में से 109 पीएचसी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत आयुष स्टाफ नियुक्त किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि भारत में सदियों से आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी (आयुष) चिकित्सा प्रणालियों की स्वीकार्यता रही है। जीवनशैली से जुड़े कई गम्भीर रोगों की रोकथाम और प्रबंधन में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणालियों की अहम भूमिका है।
जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं की संख्या बढऩे के साथ ही वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर आयुष चिकित्सा प्रणालियों में लोगों का रूझान बढ़ा है। इसलिए आयुष प्रणाली को मुख्य धारा में लाने की आवश्यकता है। इसके मुख्य धारा में आने से मरीजों को बीमारी के अनुसार चिकित्सा प्रणाली का चयन करने में आसानी होगी।