हरियाणा की महम विधानसभा क्षेत्र से एक अजीबोगरीब बात सामने आई है। यहां एक जीवित व्यक्ति को अपने आप को जिंदा साबित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। सामने खड़े व्यक्ति को भी जिंदा साबित करना अधिकारियों को उचित नहीं लग रहा है। दरअसल एक व्यक्ति को नगरपालिका रिकॉर्ड में गलती से मृत दिखा दिया गया और अब वह व्यक्ति छः महीने से अपने आप को जिंदा साबित करने की कोशिश में जुटा हुआ है लेकिन हर बार उसकी कोशिश नाकामयाब हो रही है।
मनसा देवी मंदिर के पुजारी शिव शंकर शुक्ला यह सुनकर हैरान रह गए जब उन्हें पता चला कि वह नगरपालिका के रिकॉर्ड में मृत घोषित किए जा चुके हैं।
सिस्टम की लापरवाही का शिकार पुजारी अब सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। पुजारी शुक्ला ने बताया कि थक हार कर अब उसने पूरे मामले की शिकायत सीएम विंडो पर डाली है।
पिता की जगह पुजारी को ही दिलाया
दरअसल पुजारी शिव शंकर शुक्ला सात महीने पहले अपने माता-पिता की मृत्यु का पंजीकरण करवाने के लिए नगरपालिका कार्यालय गए थे। उन्होंने बताया कि उनके पिता की मौत आज से 19 साल पहले हुई थी। महम नगरपालिका कर्मचारियों ने उसके पिता के स्थान पर उसका आधार कार्ड चढ़ा दिया। उसके बाद जब उसने फैमिली आईडी बनवाईं तो उस आईडी में अपने आप को मृत पाया।
मुसीबत बनी फैमिली आईडी
सरकार द्वारा जनता की सुविधा के लिए जारी की गई फैमिली आईडी काफी लोगों के लिए मुसीबत का कारण भी बनी हुई है। फैमिली आईडी में अपडेट हुई गलत जानकारी को सुधारने के लिए किस कार्यालय में हाजिरी लगाई जाए यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं है।
पीड़ित पुजारी ने कहा कि डीसी ऑफिस पूरे जिले का कंट्रोल रूम होता है लेकिन वहां भी उसे यह नहीं बताया गया कि वह जाए तो जाए कहां। लगाकर थक चुका है पुजारी
दफ्तरों के चक्कर काटकर थक चुका है पुजारी
पुजारी ने बताया कि नगरपालिका द्वारा अपनी गलती में सुधार कर लिया गया है लेकिन फैमिली आईडी में मरे हुए व्यक्ति को जिंदा करना आसान काम नहीं है। उन्होंने बताया कि वो डीसी और एडीसी कार्यालय में गुहार लगाकर थक चुका है लेकिन किसी ने उसको संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
पुजारी ने कहा कि बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए संबंधित कागजात जमा करवाते समय उनकी फैमिली आईडी में उसे मृत दिखाएं जाने के कारण दस्तावेज पूरे नहीं होंने की वजह से बच्चों के एडमिशन में दिक्कत आ रही है। थक-हारकर अब उसने 7 जून को सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन अभी तक वहां से भी कोई रिप्लाई नहीं आया है।
नगरपालिका सचिव नरेंद्र सैनी ने कहा कि फैमिली आईडी में हुई गड़बड़ी को ठीक करना एडीसी कार्यालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। उनके कार्यालय द्वारा गलती में सुधार कर लिया गया है।
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