इधर कोरोना देश में कहर बरपा रहा है, उधर मॉनसून का प्रवेश हो चुका है। ऐसे में अब लोगों के अंदर खौफ है कि इस वायरस पर बारिश का कितना और क्या असर होगा। क्या बारिश में कोरोना का खात्मा हो जाएगा या फिर इसके संक्रमण की तीव्रता और बढ़ जाएगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ डेलवेयर के साइंटिस्ट कहते हैं कि बारिश का पानी कोरोना का सफाया नहीं कर सकता और वायरस फैलने और पनपने की रफ्तार भी धीमे होने के कोई आसार नहीं हैं। यह उसी तरह होगा कि हाथ पानी से धोएंगे तो वायरस नहीं मरेगा, साबुन तो लगाना ही पड़ेगा। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट कहते हैं कि अभी यह पता नहीं है कि बारिश में कोरोना पर कितना असर होगा । कुछ साइंटिस्ट ये मानते हैं कि बारिश में नमी के कारण वायरस और ज्यादा तीव्र हो जाता है। उनकी माने तो मॉनसून के आने से कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा है।
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेई बेटेन कहते हैं कि बारिश कोरोना वायरस को डिल्यूट कर सकती है, यानी कि घोलकर कमजोर कर सकती है। जिस तरह से धूल बारिश के पानी में घुलकर बह जाती है, वैसे ही यह वायरस भी बह सकता है। कई एक्सपर्ट्स यह भी कहते हैं कि बारिश साबुन की तरह पानी की सतह को दिसिंफेक्ट नहीं कर सकती। यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड के मुताबिक कोरोना के ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें 17 दिनों के बाद भी सतह पर कोरोना वायरस मिला है। इसलिए यह कहना कठिन है कि बारिश से किसी सतह, मैदान या किसी अन्य जगह पर लगा वायरस खत्म हो जाएगा।
इसलिए बारिश में भी इस वायरस से अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। क्योंकि नमी के कारण हवा में यह वायरस काफी देर तक जिंदा रह सकता है।
Written by – Ansh Sharma