फरीदाबाद देश में ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में किसी जमाने में तीसरे पायदान पर हुआ करता था जिस की शान और कोई नहीं उसकी औद्योगिक इकाइयां हुआ करती थी सभी औद्योगिक इकाइयां फरीदाबाद को आगे बढ़ाने में कर के रूप में एक टिफा सी राशि का योगदान फरीदाबाद प्रशासन को हर साल देती है
लेकिन बदले में फरीदाबाद को मिलता क्या है प्रदूषण अव्यवस्थित यातायात प्रणाली और स्वच्छता स्वच्छता फरीदाबाद का एक दुर्भाग्य बन गया है
कहने को तो फरीदाबाद को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है लेकिन सही मायने में फरीदाबाद को किसी भी तरीके से स्मार्ट सिटी नहीं कहा जा सकता फरीदाबाद ने स्मार्ट सिटी की परिभाषा ही बदल कर रख दी है।
जगह जगह कूड़े के ढेर सीवर ओवर फ्लो टूटी गंदी नालिया टूटी हुई सड़के फरीदाबाद को 41 वे पायदान पर लाने का मुख्य कारक है।इन सभी का जिम्मेदार कोन है। कही न कही इसके जिम्मेदार खुद लोग भी है जो की लगातार कूड़ा फैलाते है।
मुख्य अभियंता लाल जी का कहना है की बालाभगढ़ ओल्ड फरीदाबाद वे एनआईटी की कार्यकारी टीम सीवर लाइन को दुरुस्त करने में लगी हुई है।जो सोचालय सीवर लाइन से नही जुड़े हुए है उन्हे जोड़ने का काम चल रहा है।नए एसटीपी बनवाए जा रहे है।परंतु ये अभी सिर्फ दावे ही दिखाई दे रहे है।
लोगो का कहना है की फरीदाबाद की साफ सफाई को बनाए रखने के लिए घर घर से कूड़ा उठा कर उसका सही तरीके से निपटारा करने के लिए एक मजबूत व्यवस्थित प्रणाली का इस्तेमाल किया जाए।ताकि कूड़ा गलियों में सड़को पर खुला न डाला जाए।
फरीदाबाद को सही मायने में स्मार्ट सिटी बनाना है तो इसकी जिम्मेदारी सभी नागरिकों को लेनी पड़ेगी।प्रशासन को समय समय पर उनकी सफाई करनी होगी।साथ ही जो लोग खुले में कूड़ा डालते है उनके लिए कठोर कदम उठाने होंगे।अगर फिर भी लोग न माने तो चालन की व्यवस्था भी करनी होगी।