स्कूल के माली की बेटी बनेगी एयरहोस्टेस, नक्सल इलाके से निकलकर भड़ेगी सपनो का उड़ान

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    अगर आपके सपनों में जान है तो सबकुछ मुमकिन है। मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। किसी ने सच ही कहा है कि सपनों को साकार करने की ललक है तो मंजिल मिल ही जाएगी। कुछ ऐसी ही कर दिखाया है स्कूल में काम करने वाले अनमोल एक्‍का की बेटी अमूल्‍य एक्‍का ने।

    उनसे वहां की लड़कियां प्रेरणा ले रही हैं। जोसेफ स्कूल में माली का काम करने वाले अनमोल एक्का की बेटी अमूल्य एक्का का एयर होस्टेस में सिलेक्शन हो गया है।

     Amulya becomes air hostess

    कोलकाता में हुए इंटरव्‍यू में उनका चयन हुआ है। महुआडांड़ प्रखंड के लूरगुमी गांव की रहने वाली 20 वर्षीय अमूल्य एक्का की शुरुआती पढ़ाई गांव के समीरांप स्थित स्कूल संत मिखालल साले में हुई है। उन्‍होंने इंटर की पढ़ाई संत जोसेफ (महुआडांड़) से पूरी की है। बेटी की इस कामयाबी पर अमूल्य के पिता अनमोल एक्का का कहना है कि संत जोसेफ स्कूल में बतौर माली उन्हें सैलरी के तौर पर 8 हजार रुपए मिलती है।

     Amulya becomes air hostess

    इसी पैसे से वह घर में 5 बच्चों का पालन-पोषण करते हैं। तीन बहन और दो भाइयों में अमूल्य एक्का दूसरे नम्बर पर हैं, पिता ने कभी भी अपनी बेटी को सपने देखने से नहीं रोका। इसी का नतीजा है कि वह ग्रामीण परिवेश में रहकर भी एयर होस्टेस की परीक्षा में सफल हुईं हैं। अमूल्य के एयर होस्टेस बनना अपने आप में एक चैलेंज था। महुआडांड़ जैसे जंगली क्षेत्र में अकसर बिजली की समस्या रहती है।

    स्कूल के माली की बेटी बनेगी एयरहोस्टेस, नक्सल इलाके से निकलकर भड़ेगी सपनो का उड़ान

    बिना फ़ोन और लैपटॉप के पढ़ना एक चुनौती जैसी थी, अमूल्य एक्का ने इन तमाम चुनौतियों को पार अपने सपने को सच साबित कर दिखाया है।