पार्षद बदलने के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार, इन कारणों की वजह से अटकेंगे नगर निगम चुनाव

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चुनाव की तैयारियों को लेकर नगर निगम ने इसी हफ्ते से वार्डबंदी का काम शुरू कर दिया है। सर्वे के लिए निगम की ओर से टेंडर काल किए गए थे। सर्वे के लिए चार एजेंसियां आगे आई हैं। नगर निगम की ओर से 24 गांवों में कराए जाने वाले इस सर्वे के लिए 15 दिन और 40 वार्डों के सर्वे के लिए 40 दिन का समय दिया जाएगा। मंगलवार को यह तय किया गया कि इन चार एजेंसियों में से किसको यह काम सौंपा जाए। एजेंसियों को सुनिश्चित करना है कि वह नगर निगम की शर्तों के अनुसार तय समय में काम को पूरा करें।

बता दें कि साल के शुरूआत में ही ग्रेटर फरीदाबाद के 24 गांवों को नगर निगम सीमा क्षेत्र में शामिल किया गया था। अब इन 24 गांवों की नए सिरे से वार्डबंदी होनी है। ये सभी गांव ग्रेटर फरीदाबाद क्षेत्र के तिगांव और बल्लभगढ़ विधानसभा में आते हैं।

पार्षद बदलने के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार, इन कारणों की वजह से अटकेंगे नगर निगम चुनाव

पांच नए वॉर्ड बनाए जाने को लेकर सितंबर में एक बैठक भी हुई थी। जिसमें केवल 24 गांवों का ही सर्वे कराने की बात हुई थी। लेकिन अब सरकार के निर्देश पर पूरे शहर में नए सिरे से वार्डबंदी करने का निर्णय लिया गया है।

इस कमेटी में महापौर सुमन बाला (वार्ड 12 की पार्षद, बड़खल विधानसभा क्षेत्र) के साथ ही फरीदाबाद विधानसभा से वार्ड-33 के पार्षद धनेश अदलखा, एनआइटी से वार्ड-8 की पार्षद ममता चौधरी, बल्लभगढ़ से वार्ड-38 की पार्षद उमा सैनी तथा तिगांव विधानसभा से मनोनीत निगम सदस्य बिजेंद्र शर्मा को बतौर सदस्य शामिल किया गया।

पार्षद बदलने के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार, इन कारणों की वजह से अटकेंगे नगर निगम चुनाव

निगम सीमा क्षेत्र का नए सिरे से वार्डबंदी करने के लिए आबादी का सर्वे करने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। निजी एजेंसी से सर्वे कराया जाएगा। रिपोर्ट आने के बाद वार्डबंदी की जाएगी। वॉर्डबंदी के लिए नियुक्त किये गए सलाहकार रवि सिंगला ने टेंडर लगाए जाने की पुष्टि की है। एजेंसी एक विस्तृत सर्वे का काम डोेर टू डोर जाकर कराएगी।

पार्षद बदलने के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार, इन कारणों की वजह से अटकेंगे नगर निगम चुनाव

फिलहाल नगर निगम क्षेत्र में कुल 40 वार्ड हैं। वर्ष 2011 के रिकार्ड के अनुसार इन गांवों की कुल आबादी लगभग 93 हजार थी, जो अब बढ़कर दो लाख से भी अधिक पहुंच गई है। आबादी की संख्या का सही आंकड़ा सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद ही सामने आएगा। इसके बाद नगर निगम में और पांच वार्ड बढ़ाए जा सकते हैं।

पार्षद बदलने के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार, इन कारणों की वजह से अटकेंगे नगर निगम चुनाव

बता दें कि निगम के पिछले चुनाव 8 जनवरी, 2017 को हुए थे। इस तरह 8 जनवरी, 2022 से पहले चुनाव कराए जाने हैं। लेकिन धीमी गति से चल रही तैयारियों को देखकर लगता है कि चुनाव में देरी होगी। वार्डबंदी कमेटी के सलाहकार रवि सिंगला ने बताया कि संभावना है कि 31 दिसंबर तक सर्वे का काम पूरा हो जाएगा।

चुनाव में देरी के प्रमुख कारण

पार्षद बदलने के लिए करना होगा थोड़ा और इंतजार, इन कारणों की वजह से अटकेंगे नगर निगम चुनाव

अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा और समय पर सर्वे शुरू किया गया तो 31 दिसंबर से पांच जनवरी, 2022 तक सर्वे पूरा होगा। इसका ड्राप्ट तैयार करने में करीब एक हफ्ते का समय लगेगा, जो 10 जनवरी के आसपास सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों के लिए 10 से 15 दिन का समय दिया जाएगा। इस सारी प्रक्रिया में कुछ दिन और लग सकते हैं।