स्थानीय निर्माण के लिए केंद्र सरकार की योजना को पूरा करने के लिए, हरियाणा सरकार ने तीन बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है | पानीपत में एक थोक दवा पार्क, करनाल में एक चिकित्सा उपकरण पार्क और सोहना में एक इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क बनाएगी सरकार । हरियाणा राज्य औद्योगिक और आधारभूत संरचना विकास निगम इन स्थलों को विकसित करेगा।
देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के तुरंत बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल मार्च में इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य क्षेत्रों में घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजनाओं को मंजूरी दी है । यह मेक इन इंडिया योजना के तहत था, जिसमें केंद्र ने स्टार्टअप्स के लिए कई वित्तीय और कर लाभों की घोषणा की है।
हर पार्क को कितनी एकड़ जमीन
आपको बता दे की करनाल में प्रस्तावित मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए 150 एकड़ और पानीपत में बल्क ड्रग पार्क के लिए 800 एकड़ जमीन रखी गई है जबकि, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण के लिए 400 एकड़ जमीन सोहना में लगाई गई है।
एचएसआईआईडीआई के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने कहा की, “इन सभी परियोजनाओं की कल्पना भारत सरकार की योजनाओं के अनुसार की गई है। जैसा कि, पानीपत और करनाल केंद्र में हैं और सभी उत्तरी राज्यों के लिए आसानी भी होगी, हमें उम्मीद है कि इस पर केंद्र की मंजूरी मिल जाएगी।”
अनुराग अग्रवाल ने यह भी कहा की, वास्तव में कोरोना महामारी स्थिति इन स्थानों पर परियोजनाओं के लिए एफडीआई को आकर्षित करने के लिए अधिक अनुकूल होने की उम्मीद भी है |
एचएसआईआईडीसी को हिमाचल प्रदेश, यूपी, राजस्थान, पंजाब और अन्य राज्यों से थोक दवाइयों के लिए दवा इकाइयां प्राप्त होने की उम्मीद है। हालाकिं, हिमाचल भी पहाड़ी राज्य में इसी तरह की परियोजनाएं स्थापित करने की योजना बना रहा है।
दिहाड़ी मजदूरों का फायदा
इसी प्रकार, मेडिकल डिवाइसेस पार्क देश के उद्यमियों के लिए भी अच्छी तरह से पूरा होने की संभावना है राजधानी दिल्ली के करीब, हरियाणा के करनाल में स्थान दिया गया है अधिकारियों ने सोहना के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क योजना का जिक्र करते हुए कहा कि “एक कोरियाई कंपनी ने पहले ही वहां निवेश करने की इच्छा जताई है। मानेसर में पहले से ही कंपनी की एक इकाई है।”
जानकारी के अनुसार, एचएसआईआईडीसी ने प्रस्तावित परियोजनाओं के लेआउट प्लान और एफएआर प्रणाली में भी बदलाव किया गया है। औद्योगिक परियोजनाओं के एफएआर क्षेत्र को बढ़ाने के अलावा, इन-सीटू परियोजनाओं के लिए विशेष व्यवस्था भी की गई है।
Written by- Prashant K So nni