रेलवे में क्या होता है जंक्शन, टर्मिनस और सेन्ट्रल में अंतर, क्या आप जानते हैं?

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    भारतीय रेल एशिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इसपर हर हिंदुस्तानी को गर्व है। देश में रेलवे मंत्रालय के तहत सरकार द्वारा संचालित विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत में रेलवे पटरी 92,081 किलोमीटर में फैली हुई है जो 66,687 किलोमीटर की दूरी को कवर करती है। रेल यात्रा हम सबके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

    कभी न कभी तो आप भी रेल में बैठे ही होंगे। इसे सबसे अविस्मरणीय रेल कहा जाता है। इसके जरिये आराम से कहीं भी पहुंचा जा सकता है। जब आप सफ़र करते हैं तो आपने देखा होगा कि रास्ते में टर्मिनल, जंक्शन और सेन्ट्रल स्टेशन पड़ते हैं।

    रेलवे में क्या होता है जंक्शन, टर्मिनस और सेन्ट्रल में अंतर, क्या आप जानते हैं?

    जब आप इनको पड़ते होंगे तो कई सवाल आपके मन में खड़े होते होंगे कि इनके बीच क्या अंतर होता है। रेलवे स्टेशन को मूल रूप से तीन भागों में बांटा गया है, टर्मिनस/टर्मिनल, सेंट्रल, जंक्शन और सिर्फ स्टेशन। टर्मिनस या फिर टर्मिनल, जिसका मतलब होता है ऐसा स्टेशन, जहां से ट्रेन आगे नहीं जाती है। यानी कि जिस दिशा से ट्रेन उस स्टेशन पर पहुंचती है, दूसरी जगह जाने के लिए उसे उसी दिशा में वापस आकर फिर से गुजरनी पड़ती है।

    Chhatrapati Shivaji Terminal

    आपके सफर के दौरान भी यह नाम काफी बार आये होंगे। ऐसे ही अगर सेंट्रल की बात करें तो, सेंट्रल स्टेशन का मतलब होता है कि यह शहर का सबसे व्यस्त और सबसे महत्वपूर्ण स्टेशन है। सेंट्रल स्टेशन आमतौर पर बहुत बड़ा होता है और कई ट्रेनें यहां से रोज़ाना गुज़रती हैं। ये भी ज़रूरी नहीं कि किसी शहर में एक से ज़्यादा स्टेशन होने पर वहां कोई सेंट्रल स्टेशन भी हो ही।

    रेलवे में क्या होता है जंक्शन, टर्मिनस और सेन्ट्रल में अंतर, क्या आप जानते हैं?

    तीसरा नाम है जंक्शन। यह नाम काफी आम है रेलवे में। इसका मतलब है कि अगर एक स्टेशन से कम से कम 3 मार्ग निकलते हों तो उस स्टेशन को जंक्शन कहा जाता है।