हमारे देश में अध्यात्म और धर्म को विशेष दर्जा प्राप्त है। हर मौके पर लोग मंदिरों में जाना पसंद करते हैं। कई ऐसे मंदिर हैं, जो रहस्यों से भरे हुए हैं। सभी मंदिरों के पीछे कोई न कोई रोचक कहानी जुड़ी हुई है। इन सब में एक मंदिर मेंहदीपुर बालाजी है, जो राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ है। यहां पर आपको विचित्र चीजें देखने को मिलेंगी, जिनसे आप डर भी सकते हैं।
इस मंदिर का राज आज तक किसी को पता नहीं चल सका है। वैज्ञानिक भूत-प्रेत के अस्तित्व से इंकार करते हैं, लेकिन यहां का नजारा आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। यहां हर रोज दूर दराज से लोग भूत प्रेत की बाधा से मुक्ति पाने के लिए आते हैं।
हजारों की संख्या में लोग मंदिर में ठीक होने की कामना लेकर आते हैं। इस मंदिर के किसी भी प्रसाद को खाने की मनाही है। यहां के प्रसाद को आप किसी को नहीं दे सकते हैं। इस प्रसाद को आप घर भी नहीं ले जा सकते हैं। ऐसी लोक मान्यता है कि आप यहां के किसी चीज को अगर घर लेकर जाते हैं, तो आपके ऊपर बुरी साया का असर आ जाता है।
ऐसी किसी बात का अभी प्रमाण नहीं मिला है लेकिन ऐसा कहा जाता है। इस मंदिर में बालाजी के बायीं छाती में एक छोटा सा छेद है, जिसमें से लगातार जल बहता है। मान्यता है कि यह बालाजी का पसीना है। मेंहदीपुर बालाजी के समीप भगवान राम और माता सीता की मूर्ति है। हनुमान जी हमेशा उनके दर्शन करते रहते हैं। इस मंदिर में भगवान हनुमान बाल रूप में मौजूद हैं।
भगवान की करने के बाद सभी लोग वहां से मिलने वाले प्रसाद को ईश्वर का आशीर्वाद समझकर ग्रहण करते हैं। लेकिन यहां आप ऐसा नहीं कर सकते हैं। त-प्रेत की बाधाओं और नकारात्मक बुराइयों से बचने के लिए हर दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन होता है।
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