मध्य प्रदेश की नीमच जिले मे रहने वाली आंचल गंगवाल ने न सिर्फ अपने जिले का नाम रोशन किया है बल्कि पुरे देश को आज उनपर गर्व हैं आंचल गंगवाल ने इंडियन एयरफोर्स (Indian air force) में फ्लाइंग ऑफिसर बन कर प्रदेश का मान बढ़ाया है. आंचल के पिता नीमच बस स्टैंड के पास आज भी चाय बेचते हैं.और अपनी बेटी की इस उपलब्धि के बाद उनका सिर सम्मान से ऊंचा हो गया।
पढ़ाई में शुरू से ही थी प्रतिभावान छात्रा आंचल गंगवाल शुरूआत से ही पढ़ाई के अंदर बहुत होशियार है आंचल के आदर्श उनके पिता हैं। उनकी मेहनत को उनके प्रयास को वो प्रणाम करती है। आंचल के पिता सुरेश गंगवाल ने चाय बेच कर ही अपने 3 बच्चों को पढ़ाया है. सुरेश का बड़ा बेटा इंजीनियर है.आंचल ने अभी तक जो सोचा वह पाया है।आंचल गंगवाल कहती हैं कि वो शुरू से ही एक फाइटर बनना चाहती थीं. जब वो स्कूल में थीं, तभी उन्होंने फैसला कर लिया था कि वो डिफेंस में जाएंगी. आंचल यह भी बातती हैं कि जब 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ आई थी तब उत्तराखंड में भीषण त्रासदी के वक्त मन में देश की सेवा का खयाल आया और एयर फोर्स में जाने की सोची। आंचल ने इंडियन एयरफोर्स के लिए दो सरकारी नौकरी छोड़ी है। आंचल इससे पूर्व में लेबर इंस्पेक्टर के रूप में सेवारत थी।आंचल को कई बार करना पड़ा असफलता का सामनाआंचल को इस मुकाम तक पहुंचने मे कई बार असफलता का सामना भी करना पड़ा. लेकिन, उन्होंने लगातार अपना प्रयास जारी रखा और सफलता हासिल की आंचल को यह सफलता छठीं बार की परीक्षा में मिली है।
आंचल ने जिस प्रकार और जिन परिस्थितियों में अपना आत्म विश्वास बनाए रखते हुए सफलता हासिल की है वह देश की करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा से कम नहीं हैं। आंचल की सफलता इसलिए भी बड़ी है क्योंकि जिस परीक्षा से होकर वह गुजरी हैं उसके लिए देशभर से 6 लाख से ज्यादा आवेदन किए गए थे और महज 22 लोगों का चयन किया गया। आंचल उन्हीं 22 लोगों में से हैं और मध्य प्रदेश से अकेली चयन पाने वाली हैं।आंचल के माता-पिता आयोजन में नहीं ले पाए हिस्सा 20 जून को हैदराबाद के डंडीगल वायु सेना अकादमी में कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड आयोजित किया था. इस पासिंग आउड परेड को टीवी पर टकीटकी लगा कर एमपी के नीमच में बैठे सुरेश गंगवाल उनका परिवार देख रहा था.उनकी बिटिया आंचल गंगवाल इस परेड में मार्च पास्ट कर रही थी. मार्च पास्ट के बाद आंचल गंगवाल को राष्ट्रपति पट्टिका से सम्मानित किया गया. इस पल को देख पिता की आंखें छलक आईं.
भारतीय वायु सेना के चीफ बीकेएस भदौरिया की उपस्थिति में शनिवार को आंचल गंगवाल को एक फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में कमीशन मिला. इस मौके पर भदौरिया ने युवा अधिकारियों से कहा कि योग्यता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. इस समारोह के लिए फ्लाइंग ऑफिसर आंचल गंगवाल के माता-पिता को भी जाना था, लेकिन कोरोना माहामारी की वजह से नहीं जा सके.आंचल गंगवाल की ट्रेनिंग 30 जून से शुरू होगी और उनका भारतीय वायु सेना का फाइटर प्लेन उड़ाने का सपना पूरा हो जाएगा।
Written By – Abhishek
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