महामारी का नया रूप ओमिक्रॉन वेरिएंट पूरी दुनिया में धीरे-धीरे अपने पैर पसारने लगा है। कई देशों में पाबंदी का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया । भारत में भी अब दो मामले सामने आए हैं। जिससे कि हड़कंप मच गया है। यह दो मामले कर्नाटक में पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को कहा है कि वह ना घबराए बस सुरक्षा पर पूरा ध्यान दे।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर के अनुसार ये दोनों मामले डेल्टा वैरिएंट से मैच नहीं कर रहे थे। प्रशासन को इसी अनुसार सतर्क कर दिया गया था। उनमें से एक 66 साल का पुरुष है, जो दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है। वो 20 नवंबर को बेंगलुरु आया था जहां उसका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया।
उसे एक होटल में आइसोलेट कर दिया गया। 23 नवंबर को उसका फिर से टेस्ट किया गया जो नेगेटिव आया। इसके बाद 27 नवंबर को वो दुबई के लिए रवाना हो गया। उसके संपर्क में आए सभी लोग का टेस्ट नेगेटिव आया था। वहीं ओमिक्रॉन का दूसरा मामला 46 साल के एक डॉक्टर में पाया गया जो एक सरकारी अस्पताल में काम करते हैं।
46 वर्षीय डॉक्टर ने बहुत अधिक थकान, कमजोरी और बुखार जैसे लक्षण दिखने के बाद इन्होंने अपना टेस्ट कराया जो कि पॉजिटिव आया। रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी साइकिल थ्रेशहोल्ड वैल्यू कम थी, जिसके बाद उनका सैंपल लैब भेजा गया। इनके संपर्क में आए 5 लोगों का भी टेस्ट पॉजिटिव आया है।
दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों का भी कहना है कि इस वैरिएंट के लक्षण बहुत गंभीर नहीं हैं। हालांकि, हल्के लक्षण होने की वजह से अधिकतर लोगों को इसका पता नहीं चल पाता है और संक्रमण के आसानी से फैलने की संभावना रहती है। इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो अपना टेस्ट जरूर कराएं।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है, ‘अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि ओमिक्रॉन कैसे फैलता है. हालांकि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि सभी 6 मामलों की पहचान कर ली गई है और इनमें कोई बड़ी दिक्कत नहीं पाई गई है। जैसा कि हमने डेल्टा वैरिएंट में सांस लेने जैसी गंभीर समस्या देखी थी, ओमिक्रॉन में फिलहाल कोई ऐसा लक्षण नहीं देखा गया है. इसके लक्षण बहुत हल्के हैं।’
कर्नाटक के अधिकारियों के अनुसार, राज्य में ओमिक्रॉन के मामले और अधिक हो सकते हैं क्योंकि जो दूसरा व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है, उसकी कोई ट्रैवेल हिस्ट्री नहीं थी. सभी मामलों में कोई खास लक्षण नहीं देखे गए हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार इन सभी मामलों में CT value कम पाई गई है यही वजह है कि सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के पॉजिटिव रिजल्ट को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है
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