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सज चुका है ब्रह्मसरोवर का यह पावन तट, देश-विदेश आ रहे है पर्यटक

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अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर देश के 19 राज्यों की शिल्पकला देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए सज चुकी है। इस महोत्सव में 19 राज्यों से 125 शिल्पकार पहुंचे हैं। इन शिल्पकारों में 22 राष्ट्रीय अवार्डी और राष्ट्रीय प्रमाण पत्र से सम्मानित हैं। इसके अलावा, 18 शिल्पकारों को राज्य अवार्ड भी मिल चुका है। इन शिल्पकारों के लिए राज्य सरकार की तरफ से समुचित प्रबंध किए गए हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के लिए देशभर से शिल्पकारों को निमंत्रण भेजा गया था। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला (एनजेडसीसी) को शिल्पकारों को आमंत्रित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई।

सज चुका है ब्रह्मसरोवर का यह पावन तट, देश-विदेश आ रहे है पर्यटक

इस महोत्सव में पहुचे 125 शिल्पकारों में से उत्तर प्रदेश से 21, जम्मू कश्मीर व हरियाणा से 12-12, पश्चिमी बंगाल से 11, पंजाब से 10, राजस्थान व मध्यप्रदेश से 9-9, उत्तराखंड से 8, दिल्ली से 7, हिमाचल प्रदेश व असम से 5-5, चंडीगढ़ से 4, छत्तीसगढ़ से 3, बिहार, गोवा, झारखंड और तमिलनाडू से 2-2, जबकि पॉन्डिचेरी से एक शिल्पकार शामिल है। 

सज चुका है ब्रह्मसरोवर का यह पावन तट, देश-विदेश आ रहे है पर्यटक

उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव में हैंडलूम, टेक्सटाइल, लैदर, कांस्य मेटल ज्वेलरी, कैन एंड बम्बू, सिल्क ड्रेस मेट, कलमकारी ड्रेस मेट, हैंड प्रिंटेड टेक्सटाइल, जैकेट-कोट, शॉल, बैड शीट, बेड कवर, फ्लोर कवरिंग, पैच वर्क, वुडन कारविंग, लैदर आर्ट, ज्वैलरी, टेराकॉट पॉट, डॉल एंड ट्वायज, वूडन ट्वायज, वुडन एंड जरी, पेंटिंग, जयपुरी रजाई, नामदा, स्टोन कारविंग, मीनाकारी ज्वैलरी, पैडी एंड स्ट्रा क्त्राफ्ट, ड्राई फ्लावर, सोलापिट, पोइट्री एंड क्ले, पंजाबी जूती, फुलकारी, पश्मीना शॉल, कनी शॉल, कावा एंड ड्राई फ्रूट, करुवा बूटी साड़ी, ब्लू आर्ट पोएट्री पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी।

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