अगर हौसले मजबूत हो तो, किस्मत भी नहीं आती आड़े, इस लड़की ने 17 वर्ष की उम्र में संघर्ष कर, आज ने खुद के दम पर डीएसपी बनकर करी यह बात साबित

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जैसा कि आपको पता ही है कि वर्तमान समय में और पिछले काफी समय से महिलाएं हर रूप में सामने आ रही हैं। हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल रही है। ऊंचे पदों पर वह अपनी अहम भूमिका निभाती नजर आ रही है। आज ऐसी एक खास  महिला की कहानी हम आपको बताएंगे जिसने शादीशुदा होने के बावजूद भी गांव से निकलकर डीएसपी पद पर पहुंची हैं और देश की सेवा कर रही है।

आपको पता ही है कि गांव में लड़कियों को बाहर निकलने नहीं देते। मगर ऐसे गांव की एक लड़की जिसका नामअनीता है। उसने अपने जीवन को बेहद तनावपूर्ण तरीके से देखा है। जिसके आगे कोई रास्ता नहीं था फिर भी इस लड़की ने बड़ा पद हासिल करके आज अपना नाम कमाया है।

अगर हौसले मजबूत हो तो, किस्मत भी नहीं आती आड़े, इस लड़की ने 17 वर्ष की उम्र में संघर्ष कर, आज ने खुद के दम पर डीएसपी बनकर करी यह बात साबित

17 साल की उम्र में उसकी 27 वर्षीय एक लड़के से उसकी शादी हो गई। उसे गंभीर आर्थिक रूप से तंगी का सामना करना पड़ा था। उसके आंखों से  आंसू कभी रुकते नहीं थे। बस इस लड़की के मन में एक इच्छा थी कि उसे कोई राह दिखा दे जिससे वह एक बड़ा मुकाम हासिल कर सके।

गरीबी के चलते परिवार वालों ने उस लड़की की शादी 12 साल बड़े लड़के से करा दी। जबकि अनीता नाबालिक थी। अनीता ने शादी के बाद भी पढ़ाई जारी रखी। अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट किया और सरकारी नौकरी के लिए फॉर्म भर्ती रही। लेकिन हालात नहीं सुधरे। पढ़ाई के दौरान उसके पति का एक्सीडेंट हो गया।

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जिसकी वजह से उसकी पढ़ाई पर भी रोक लग गया। बीच में अनिता ने बैंक की परीक्षा भी पास कर ली। लेकिन 3 साल में ग्रेजुएशन ना कर पाने की वजह से उन्हें यह मौका गंवाना पड़ा।  तब उसने अपने जीवन में कुछ करने की ठानी, किस्मत भी आड़े नहीं आई।

पति का एक्सीडेंट हुआ तो सारी जिम्मेवारी अनीता पर आ गई। जिसकी वजह से पैसा कम होने की वजह से उन्होंने क्रैश कोर्स किया। साथ में किसी छोटे पार्लर में काम करती थी। घर भी चलाया, वन विभाग की परीक्षा की तैयारी भी।की उसके बाद अनीता की मेहनत रंग लाई उन्होंने 4 घंटे में 14 किलोमीटर पैदल चलकर वन विभाग की परीक्षा पास की और 2013 में बाल घाट में पहली पोस्टिंग मिल गई।

अगर हौसले मजबूत हो तो, किस्मत भी नहीं आती आड़े, इस लड़की ने 17 वर्ष की उम्र में संघर्ष कर, आज ने खुद के दम पर डीएसपी बनकर करी यह बात साबित

अनीता के स्वभाव में रुकना लिखा ही नहीं था। वनरक्षक बनने के बावजूद सब इंस्पेक्टर परीक्षा की तैयारी करती रही और आज उसकी किस्मत में एक सिपाही नहीं बल्कि प्रशासक पन्ना लिखा था। वह एस आई के साथ मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा की तैयारी भी करती रही।