फरीदाबाद : सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर कथनी और करनी में भारी अंतर का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री घोषणा करते हैं कि किसी को भी नौकरी से निकाला नहीं जाएगा,
लेकिन सिर्फ प्राइवेट कंपनियां ही नहीं सरकारें खुद अपने कर्मचारियों को निकालने में लगी हैं। श्री लांबा कर्मचारियों को निकालने के विरोध में सेक्टर – 58 में जेसीबी इंडिया प्रा. लि. के गेट पर चल रही विधायक नीरज शर्मा की रामकथा सुनने और अपना समर्थन इस आंदोलन को देने के लिए वहां पहुंचे थे।
लांबा ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता के कारण ही लाखों की तादाद में मजदूरों को सडक़ों पर कष्ट उठाने पड़े। गर्भवतियों ने सडक़ों पर बच्चों को जना, मजदूर अपनी पूरी गृहस्थी को लेकर शहरों से पैदल अपने गांव पहुंचे।
लेकिन सरकारों के इंतजाम अपर्याप्त साबित हुए। इस मौके पर मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लखन कुमार सिंघला ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया और विधायक नीरज शर्मा को आंदोलन शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया।
अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के मुद्दे को भी मजदूरों की आजीविका से जोड़ते हुए कहा कि एक ओर जो जीना मुश्किल हो रहा है दूसरी ओर स्कूलों को अपनी फीस की पड़ी है।
इस अवसर पर विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि श्रीराम जो अपने भक्त के कार्य का ऋण अपने ऊपर मानते है और कहते है मैं हनुमान का ऋण कभी चुका नहीं सकता
एक तरफ ये कम्पनी मालिक जिनके लिये इन लाचार बेबस कर्मचारियों ने रात दिन मेहनत करके इनकी कम्पनी को आगे बढाया और आज जब संकट का समय आया तो ये लोग इन कर्मचारियों की सहायता करने के स्थान पर इन्हें भूखे प्यासे इनके हाल पर छोड़ रहे है
धिक्कार है ऐसे लोगों को
भगवान सद्बुद्धी दें ऐसे लोगों को नहीं तो कर्मचारियों की हाय का एक झोंका इनके जीवन में ऐसा मोड लाएगा की ये समझ भी नहीं पायेंगे।