इन दो जिलों की लापरवाही के चलते टॉप कोरोना मामलों में हरियाणा राज्य भी हुआ शामिल

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फरीदाबाद और गुरुग्राम में दिन प्रतिदिन चरम सीमा लांघते कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के आंकड़ों ने हरियाणा को अब देश में वायरस के उच्चतम मामलों वाले 10 राज्यों में से एक में शामिल कर दिया है। वहीं अगर नवीनतम आंकड़ों की बात करें तो कोविद -19 मामलों के मामले में हरियाणा 9 वें स्थान पर है, जिसमें राज्य में 10,635 मरीज और 21 जून तक 160 मौतें दर्ज की गई है।

आपको बताते चले कि 15 मार्च से 15 जून तक कोविद के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि 15 मार्च को सिर्फ 14 से मामले थे को अब बढ़कर 7,722 मामले 15 जून तक थे जिसमें 100 मौतें हुईं थीं।

हरियाणा ने मामलों में अचानक वृद्धि की खास वजह

वहीं 15 मार्च से 15 अप्रैल तक हरियाणा में कोविद मामलों की वृद्धि दर थी 30 दिनों में सिर्फ 204 मामलों की पुष्टि होती थी, इसके अलावा एक साथ एक दिन में लगभग छह मामले दर्ज किए गए थे। वहीं अगले महीने 16 अप्रैल से 15 मई तक कोविद -19 मामलों की औसत वृद्धि 650 नए मामलों के साथ हर दिन लगभग 21 मामलों तक पहुंच गई।

हालांकि राज्य ने पिछले महीने सबसे खराब चरण का सामना किया था। जिसमे 16 मई से 15 जून तक जब हर दिन औसतन 229 मामलों के साथ 6,868 नए मामले दर्ज किए गए। इस अवधि में लॉकडाउन हटा लिया गया और राज्य ने व्यापार, दुकानों, उद्योगों और सरकारी कार्यालयों के लगभग हर क्षेत्र को खोल दिया।

हरियाणा के प्रमुख औद्योगिक केंद्र गुरुग्राम और फरीदाबाद में विभिन्न कारखानों को खोलने के परिणामस्वरूप अधिक मामले सामने आए हैं। कुल मामलों में से 50% से अधिक इन दो जिलों से हैं।सरकार के अनुसार पिछले एक महीने में राज्य में लगभग 80% मामले दिल्ली के हैं।

वहीं अनिल विज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने दावा किया है कि हरियाणा में कोविद -19 मामलों की अचानक वृद्धि देश के अन्य हिस्सों से राज्य में लोगों के बड़े पैमाने पर आंदोलन के कारण होती है।
जहां तक ​​जानलेवा हादसों की बात है, तो राज्य में 15 मार्च से 16 अप्रैल तक सिर्फ दो मौतें, 16 अप्रैल से 15 मई तक 11 मौतें और 16 मई से 15 जून तक 87 मौतें हुईं। वहीं अगर मरीजों को लिंग आधार पर अनुपात करे तो 69% पुरुष और 31% महिलाएं कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई। वहीं मरने वालों में 68% पुरुष और 32% महिलाएं थीं।