लॉक डाउन बढ़ने के साथ साथ राहत शिविर में रहने की अवधि भी मजदूरों के लिए बढ़ा दी।

0
557
 लॉक डाउन बढ़ने के साथ साथ राहत शिविर में रहने की अवधि भी मजदूरों के लिए बढ़ा दी।


फरीदाबाद : कोरोना वायरस की महामारी से बचने का एक मात्र उपाय घरों में रहना है। इस बीमारी। इलाज अब तक नहीं आया है । लगभग पूरा विश्व इस बीमारी की चपेट में आ चुका है और पूरी दुनिया भी इसके इलाज की खोज में है ।

इसी के संदर्भ में 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिनों के संपूर्ण लॉक डाउन का बड़ा ऐलान किया गया था जिसके बाद बड़ी संख्या में दिल्ली-एनसीआर के इलाकों से दिहाड़ी मजदूरों ने अपने पैतृक गांव में पलायन शुरू किया । लोगों की भीड़ ने लॉक डाउन का उद्देश्य भंग कर दिया।

जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्य सरकारों को आदेश दिए गए कि वह अपने राज्य से पलायन कर रहे मजदूरों को वहां पर रोके तथा उनके रुकने का इंतजाम करें जिसके चलते फरीदाबाद में भी बड़ी संख्या में पलायन कर रहे मजदूरों को रोका गया और राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने आगे आकर प्रशासन को मदद की पेशकश की जिसके बाद फरीदाबाद सेक्टर 39 के सूरजकुंड राधा स्वामी सत्संग ब्यास में करीब 216 दिहाड़ी मजदूरों को रोका गया है जिनको पुलिस प्रशासन 30 मार्च को वहां पर लेकर आया था और उनकी स्वास्थ्य जांच कर उन्हें वहां पर रखा गया है।

मजदूरों के दिल और दिमाग में ये बात थी कि 14 अप्रैल को लॉक डाउन ख़तम होते ही वे अपने अपने गांव जाएंगे लेकिन फिर अब लॉक डाउन की अवधि बढ़ने की वजह से उनके अरमान पानी में मिल चुके है।
अब सवाल ये थे कि

इन मजदूरों को अब कहा रखा जाएगा और कब तक ?

इसी के संदर्भ में हमने संबंधित अधिकारी शील चंदीला से बात करी उन्होंने बताया कि अब इन मजदूरों को 3 जगह भेजा गया 58 मजदूर नंगला और अंखिर के राधा स्वामी सत्संग ब्यास भवन में भेजा गया और बच्चे हुए मजदूरों को सूरजकुंड स्थित राधा स्वामी राधा स्वामी सत्संग व्यास में भेजा गया ।

लॉक डाउन के बढ़ने के साथ ही उनके राहत शिविर में रहने के दिन भी लॉक डाउन ख़तम होने तक है। रेड क्रॉस की टीम द्वारा इन्हे रोज समझाया जाता है कि देश में किस प्रकार की महामारी है और सुझाव देते हुए इन्हे यहीं रहने को कहा जाता है ।इसलिए प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए ये मजदूरों राहत शिविर में रह रहे है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here