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तेजी से घट रहा है हरियाणा का भू-जल स्तर, इन सेक्टरों के लिए अनिवार्य है वेस्ट वाटर मैनेजमेंट

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प्रदेश में तेजी से घटते भूजल स्तर को गंभीरता से लेते हुए आज हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (HWRA) की चेयरपर्सन केशनी आनंद अरोड़ा ने गुरुग्राम के औद्योगिक इकाइयों व इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरो से आए प्रतिनिधियों सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों को ट्रीटेड वेस्ट वॉटर पॉलिसी के तहत निर्धारित मानदंडों का गंभीरता से पालन करने के निर्देश दिए। बैठक में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) के सीईओ सुधीर राजपाल द्वारा ट्रीटेड वेस्ट वाटर के सदुपयोग को लेकर प्रेजेंटेशन भी दी गई।

यह बैठक गुरुग्राम के लोक निर्माण विश्राम गृह में आयोजित की गई थी। बैठक में अरोड़ा ने औद्योगिक इकाइयों तथा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि वे औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले वेस्ट वाटर का सदुपयोग करने की दिशा में गंभीरता से प्रयास करें। 

तेजी से घट रहा है हरियाणा का भू-जल स्तर, इन सेक्टरों के लिए अनिवार्य है वेस्ट वाटर मैनेजमेंट

उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य को ध्यान में रखते हुए अभी से प्रयास किये जाने अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस मामले में अत्यंत गंभीर है कि भूमिगत जल स्तर को बढ़ाया जाए।

उन्होंने बैठक में औद्योगिक इकाइयों व इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टरो से आए प्रतिनिधियों को निर्माण गतिविधियों सहित पार्क व फ्लशिंग आदि के लिए नियमानुसार ट्रीटेड वाटर का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आदेशो की अवहेलना करने वालो के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

तेजी से घट रहा है हरियाणा का भू-जल स्तर, इन सेक्टरों के लिए अनिवार्य है वेस्ट वाटर मैनेजमेंट

अरोड़ा ने बताया कि प्रदेश में गुरुग्राम सहित 14 जिलों में तेजी से घट रहा भूमिगत जल स्तर हम सभी के लिए चिंता का विषय है ऐसे में ज़रूरी है इसमें रहते इस दिशा में आवश्यक कदम उठाया जाए। इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए सिंचाई, कृषि, वन, बागवानी तथा मत्स्य विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों को कार्य योजना बनाते हुए काम करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा प्रदेश की सभी औद्योगिक इकाइयों को भू-जल दोहन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने के निर्देश दिए गए हैं। पहले प्रदेश में भू-जल दोहन अनापत्ति प्रमाण पत्र केंद्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा जारी किए जाते थे, अब  इसकी NOC हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण द्वारा जारी की जा रही है। आवेदक इसके पोर्टल www.hwra.org.in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 

उन्होंने बताया कि प्राधिकरण द्वारा इस समस्या के स्थाई समाधान के लिए व्यापक स्तर पर कार्य योजना बनाई जा रही है ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ी को जल संकट की समस्या से न जूझना पड़े। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेशभर में  200 से अधिक आवेदकों को एनओसी दी जा चुकी है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए प्राधिकरण के हेल्पलाइन नंबर 9888490854 और 0172-2992941 पर कॉल कर किसी भी प्रकार की समस्या से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा grievances.hwra@gmail.com पर ईमेल भी की जा सकती है।

तेजी से घट रहा है हरियाणा का भू-जल स्तर, इन सेक्टरों के लिए अनिवार्य है वेस्ट वाटर मैनेजमेंट

बैठक में उपस्थित सिंचाई एवं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि आज की बैठक का उद्देश्य औद्योगिक व इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर से आए प्रतिनिधियों को वेस्ट वाटर के इस्तेमाल के लिए प्रेरित करना था।

उन्होंने कहा कि वह जल्द ही वेस्ट वाटर इस्तेमाल संबंधी जानकारी निर्धारित प्रोफार्मा में भर कर दें और सुनिश्चित करें कि उनके द्वारा दी गई सूचना बिल्कुल सही हो। उन्होंने कहा कि गुरुग्रम में ट्रीटेड वेस्ट वॉटर की कमी नहीं है और औद्योगिक इकाइयों व इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को उनकी मांग के अनुरूप निश्चित तौर पर ही वेस्ट वाटर उपलब्ध करवाया जाएगा।

तेजी से घट रहा है हरियाणा का भू-जल स्तर, इन सेक्टरों के लिए अनिवार्य है वेस्ट वाटर मैनेजमेंट

बैठक में गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के सीईओ सुधीर राजपाल ने ट्रीटेड वेस्ट वाटर पॉलिसी के तहत जिला में किए जा रहे कार्यों के बारे में प्रेजेंटेशन दी। उन्होंने बताया कि जिला में वर्तमान में 443 एमएलडी क्षमता के 6 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा सीईटीपी है

उन्होंने बताया कि जिला में वर्तमान में 263 एमएलडी ट्रीटेड वेस्ट वाटर उपलब्ध है जिसमें से 115 एमएलडी वेस्ट वॉटर का उपयोग बागवानी, सिंचाई, कृषि, बिल्डरों में डेवलपरो सहित जलाशयों व वन आदि विकसित करने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा जीएमडीए तथा एचएसवीपी द्वारा जिला में 115 किलोमीटर तक ट्रीटेड वेस्ट वाटर की पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा चुका है।

तेजी से घट रहा है हरियाणा का भू-जल स्तर, इन सेक्टरों के लिए अनिवार्य है वेस्ट वाटर मैनेजमेंट

उन्होंने बताया कि ट्रीटेड वेस्ट वॉटर पॉलिसी के तहत वर्ष 2021 के अंत तक कुल 25%, वर्ष 2025 के अंत तक 50% तथा वर्ष 2030 तक 80% पानी को रिसाइकल करने की योजना है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाई या इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के प्रतिनिधि वेस्ट वाटर संबंधी अधिक जानकारी के लिए भी जीएमडीए के पोर्टल पर भी संपर्क कर सकते हैं

इस अवसर पर सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के  सीईओ सुधीर राजपाल, जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के प्रधान सचिव एके सिंह, HWRA के सीईओ एसएस कादियान, सदस्य डीपीएस बेनीवाल तथा एमएस लाम्बा उपस्थित रहे।

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