अगर आप बैंक का कोई भी काम करने वाले है या फिर करने का सोच रहे है तो एक बार यह खबर जरूर पड़े क्योंकि बैंकों के निजीकरण के विरोध में पब्लिक सेक्टर के बैंक कर्मचारी इस महीने दो दिन की हड़ताल पर जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा संसद में बैंकों के निजीकरण के बारे में पेश होने वाले बिल का विरोध करने के लिए बैंक कर्मी यह हड़ताल कर रहे हैं ।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने संसद के सर्दियों के समय में सत्र में पेश हो रहे बैंकिंग लॉ बिल, 2021 के खिलाफ 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन के महासचिव संजय दास ने कहा कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन से अर्थव्यवस्था के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को नुकसान होगा और इससे स्वयं सहायता समूहों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कर्ज प्रवाह पर भी असर पड़ेगा।
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉईज एसोसिएशन के महासचिव सी.एच.वेंकटचलम ने कहा, ‘पिछले 25 साल से UFBU के बैनर तले हम बैंकिंग क्षेत्र में ऐसे सुधारों का विरोध कर रहे हैं, जो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।’
इस बारे में किसान नेता राकेश टिकैट ने भी ट्वीट किया है उन्होंने कहा कि वे तो पहले से ही लोगों को सचेत करते रहे हैं कि अगला निशाना बैंक हो सकते हैं।
हमने आंदोलन की शुरुआत में आगाह किया था कि अगला नंबर बैंकों का होगा। नतीजा देखिए, 6 दिसंबर को संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण का बिल पेश होने जा रहा है। निजीकरण के खिलाफ देशभर में साझा आंदोलन की जरूरत है । #StopPrivatization
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) December 4, 2021
UFBU के सदस्यों में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉईज एसोसिएशन , ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफडरेशन , नेशनल कंफडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉईज , ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और बैंक एम्प्लॉईज कंफडरेशन ऑफ इंडिया शामिल हैं।