फरीदाबाद में कोरोना का आंकड़ा सामान्य से कई गुना अधिक तेजी से बढ़ रहा है और अभी तक करीब 2700 लोग फरीदाबाद में इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं और पूरे हरियाणा प्रदेश में सबसे अधिक मौत भी फरीदाबाद जिले में ही देखने को मिल रही है जो जिला प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
फरीदाबाद में कोरोना का कहर आम जनता के बीच से होता हुआ अब सरकारी दफ्तरों तक पहुंच चुका है कुछ दिनों पहले में देखने को मिला था कि फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड के दफ्तर में एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद स्मार्ट सिटी को अपने विकास कार्यों को रोकना पड़ा था और स्मार्ट सिटी का दफ्तर भी सील किया गया था।
वही बीते कुछ दिनों पहले पल्ला थाने के 13 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए इसके बाद से ही जनसामान्य में इस महामारी को लेकर दहशत और बढ़ चुकी है पुलिस कर्मियों के साथ साथ अपराधी भी इस वायरस की चपेट में आ चुके है जिसके चलते नीमका जेल के भीतर से भी कैदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि हो चुकी है।
इन सब के बीच अब यह घातक वायरस इन सभी सरकारी दफ्तरों से होता हुआ एनआईटी फरीदाबाद के 2 एवं 5 नंबर के बिजली दफ्तर तक भी पहुंच चुका है जहां से बिजली विभाग के कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और अब बिजली विभाग के दफ्तरों को सील कर दिया गया है।
अनलॉक वन की घोषणा के बाद से ही फरीदाबाद जिले में कोरोना ने सामान्य से कहीं अधिक गुना तेजी से रफ्तार पकड़ी है लेकिन राहत की बात यह है कि अनलॉक वन के बाद भी सरकारी दफ्तरों में पब्लिक डीलिंग से संबंधित कार्य को शुरू नहीं किया गया है।
इसलिए सरकारी दफ्तरों में इस प्रकार कोरोना मरीजों के सामने आने के बावजूद भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन वाले चरण कि आशंका कम जताई जा रही है। लेकिन जिला प्रशासन को अब कड़े नियम अपनाने कि जरूरत है। जिससे इस महामारी पर नियंत्रण किया जा सके। क्योंकि यदि लगातार सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी इस प्रकार संक्रमित होते रहेंगे तो शहर की सामान्य गतिविधियों को सुचारू रूप से चला पाना काफी कठिन हो सकता है।