हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य के लोगों की नशे की आदत छुड़वाने के लिए सभी जिलों में पुर्नवास केन्द्र (रि-हैबलीटेशन सेंटर) अर्थात नशा-मुक्ति केन्द्र की स्थापना के संबंध में एसओपी को तैयार की जाएगी। यह एसओपी अगले 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य सेवाएं विभाग की महानिदेशक की देखरेख में तैयार की जाएगी। विज आज यहां गृह एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हर नागरिक अस्पताल में नशा-मुक्ति केन्द्र की स्थापना, निर्धारित बिस्तरों की संख्या, स्टाफ की तैनाती, नशा छुड़वाने से संबंधित दवाइयां इत्यादि के लिए मापदण्ड निर्धारित किए जाएंगे।
विज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गत दिनों लखनऊ में आयोजित पुलिस कान्फ्रेंस में प्रधानमंत्री व केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों को अमलीजामा पहनाएं। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं/पदार्थों से संबंधित जिलों के नोडल अधिकारी अर्थात डीएसपी व जिला सामाजिक न्याय व अधिकारिता अधिकारियों की ऑनलाइन बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी।
नशे से संबंधित मैडीसिन प्रीस्क्रिप्शन (दवाई की पर्ची) के संबंध तैयार की जा रही है ऐप
उन्होंने बताया कि कैमिस्ट की दुकानों पर कुछ नशीली दवाइयों के बिक्री के संबंध में प्रीस्क्रिप्शन (दवाई की पर्ची) के संबंध में भी एक ऐप विकसित की जा रही है ताकि एक ही पर्ची पर ऐसी नशीली दवाइयों को युवा बार-बार न खरीद सकें। विज ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि राज्य में संचालित निजी नशामुक्ति केन्द्रों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए और वहां पर जांच करने के पश्चात रिपोर्ट उनके सम्मुख प्रस्तुत की जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य से नशे को खत्म करने के लिए एक प्राथमिक योजना/रणनीति पर काम किया जाए ताकि नशे का खात्मा किया जा सकें। ड्रग्स की आपूर्ति व मांग की चेन को तोड़ना है और इस दिशा में पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को मिलकर योजनागत तरीके से आगे बढ़ना होगा। गांव-गांव में नशे के विरुद्ध प्रचार व प्रसार करना होगा और इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों के आगे बढ़कर काम करना होगा।
विज को बैठक के दौरान अधिकारियों ने अवगत कराया कि पिछले दिनों कुरूक्षेत्र में नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों की प्रॉपर्टी को एटैच किया गया है और इस पर हमेें फोकस करना होगा ताकि लोग इस नशे के कारोबार में लिप्त न हों। बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक ने बताया कि आने वाले दिनों में कुरूक्षेत्र की तर्ज पर अन्य जिलों में पुलिस व नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो द्वारा इस प्रकार की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
बैठक के दौरान हरियाणा राज्य नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख एवं एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि इस साल नशीली दवाइयों की दस लाख गोलियां पकड़ी गई है लेकिन यह नशीली दवाईयां मैडीकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाती है, इसलिए हम इस समस्या के उपाय के तौर पर एक ऐप को विकसित कर रहे है।
उन्होंने बताया कि ब्यूरो ने अब तक 325 जागरूकता कैम्पों को लगाया है। सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, रोहतक, फरीदाबाद व करनाल इत्यादि में नशे का कारोबार में लिप्त लोगों को ज्यादा पकडा़ गया है। इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा राज्य नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो को सक्षम बनाने लिए अपने सुझाव भी बैठक के दौरान सांझा किए तथा पावर प्वाईंट प्रस्तूति के माध्यम से जानकारी भी दी।
बैठक के दौरान गृह मंत्री ने बताया कि जिस प्रकार से यमुनानगर के पुलिस अधीक्षक एनजीओ के सहयोग से अपने जिले में आठ लोगों को नशे की लत से मुक्त कराया है, उसी प्रकार से अन्य जिलों में भी यह कवायद की जाए।
बैठक में गृह एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा, पुलिस महानिदेशक पी. के. अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क तथा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) आलोक मित्तल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एचएसएनसीबी) श्रीकांत जाधव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह, गृह विभाग के सचिव बलकार सिंह, स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक डा. वीना सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक राजनारायण कौशिक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।