आपने फिल्मों में कई सीरियल किलर्स को देखा होगा। असलियत में भी कुछ सीरियल किलर होते हैं। आज हम आपको दुनिया के सबसे खूंखार सीरियल किलर के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसका नाम सुनकर ही रूह कांप जाती है। इस दरिंदे ने 200 से ज्यादा महिलाओं की बड़ी क्रूरता से हत्या की थी। इस दरिंदे का नाम है मिखाइल पोपकोव। मिखाइल रूस का पहला वो शख्स है जो डबल आजीवन की सजा काट रहा है।
जानकारी के अनुसार मिखाइल पुलिस की नौकरी करता था। उसे देश का सबसे दुष्ट सीरियल किलर कहा जाता है। क्यों कि उसने कई मासूम महिलाओं की हत्या बेहद बेदर्दी से की थी। मिखाइल महिलाओं का मर्डर करने से पहले उन्हें कुल्हाड़ी, हथौड़ा और धारदार चाकू जैसे हथियारों से घंटों तक प्रताड़ित किया करता था।
पोपकोव पर 18 से 50 साल की महिलाओं के बलात्कार और हत्या के लिए दो बार मुकदमा दर्ज हो चुका है। पोपकेव ने अधिकतर महिलाओं की हत्या 1992 से 2010 के बीच की थी। हत्या के मामले में आपराधिक जांच के लिए पोपकोव को उसकी जेल से 2,900 मील पूर्व में उसके जन्म स्थान इरकुत्स्क क्षेत्र में भेज दिया गया है। हत्या के ये मामले ऐतिहासिक हैं और वर्ष 1995 और 1998 के हैं।
स्वीकार की हत्या करने की बात
57 साल के इस सनकी हत्यारे ने एक डरावने वीडियो में एक महिला की हत्या करने की बात स्वीकार की है, जिसे उसने कार्ल मार्क्स स्ट्रीट पर से उठाया था। इस वीडियो में उसे जंगल में उस जगह को दिखाते हुए दिया गया है जहां उसने उस महिला की बलात्कार करने के बाद हत्या कर दी थी। पोपकोव ने एक जासूस से कहा कि उसने उस महिला को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जिस बात पर दोनों का झगड़ा हुआ और उसने गुस्से में उस महिला की हत्या कर दी।
लिफ्ट के बहाने ले जाता था अपने घर
मिखाइल पोपकोव खूबसूरत औरतों को लिफ्ट देने के बहाने अपनी कार में बैठा लेता था। पुलिस की गाड़ी और पुलिसकर्मी के कारण महिलाएं मना नहीं करती थीं। मिखाइल पहले तो मीठी मीठी बातें कर दोस्ताना व्यवहार करता था।
जैसे ही महिलाएं थोड़ा उससे बात करने लगती थीं तो वह उन्हें बहाने से अपने खाली मकान में ले जाता था। उसने अपने केस की सुनवाई के वक्त स्वीकार किया था कि वह उन औरतों को अपने घर ले जाकर उनके साथ रेप करता और उनकी हत्या कर देता था।
नहीं है कोई पछतावा
जब कोर्ट ने मिखाइल से हत्या करने का कारण पूछा तो उसने कहा कि मैंने सिर्फ शहर से गंदगी का सफाया किया है। इन महिलाओं को उनके अनैतिक व्यवहार के लिए सजा मिली है और मुझे इसका कोई पछतावा नहीं है।