बॉलीवुड में ऐसी कई फिल्में बनी है जो आज भी लोगों के जहन ने नहीं गया। हर फिल्म का अपना सफरनामा था। आज भी लोग इन फिल्मों को देखना पसंद करते हैं। इन फिल्मों के कुछ सीन ऐसे होते हैं जो लोगो को आज भी मुंह जबानी याद है। फिल्म शोले आज भी उतनी ही मशहूर है जितनी रिलीज़ के समय थी। आज भी दर्शको का इसे देखना का शौक काम नहीं है। ‘अरे ओ सांबा…कितने आदमी थे’ फिल्म का यह डायलॉग बहुत ही मशहूर रहा था। इस फिल्म को सबसे चर्चित फिल्मो में से एक माना गया है। इस फिल्म ने हर वर्ग के दर्शकों के दिलों पर राज किया है। इस फिल्म में बॉलीवुड के कई दिग्गज़ों ने एक साथ काम किया था। यह एक मल्टी स्टारर फिल्म है।
लेकिन क्या आप जानते है इस फिल्म में कई गलतियां हैं जिन्हें फिल्माया गया। आप में से शायद ही कोई होगा जिसका इन गलतियों पर ध्यान गया हो। आइये आपको बताते हैं इन गलतियों के बारे में।
जैसे की सब जानते हैं, फिल्म में वीरू का किरदार अभिनेता धर्मेंद्र ने अदा किया था। वीरू का किरदार फैंस को काफी पसंद आया था। फिल्म में वीरु का टंकी पर चढ़ने वाला सीन काफी फेमस हुआ था। बसंती का प्यार पाने के लिए वीरू टंकी पर चढ़ जाता है।
यह वो पानी की टंकी थी जिसमें मोटर की मदद से ही पानी चढ़ाया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर हमें यह देखने को मिला है कि रामगढ़ में बिजली नहीं होती है। लोग लालटेन का प्रयोग करते हैं। शोले में शुरू से लेकर अंत तक देखा गया है कि ठाकुर की बहू पूरे घर में लालटेन जलाती रहती है।
दूसरी गलती यह थी कि फिल्म में जब हेमा मालिनी यानी बसंती शिव मंदिर जाती है तो वह पैदल ही भगवान शिव के मंदिर पहुंचती है। यह सब तो ठीक है लेकिन जब बसंती मंदिर से लौटती है तो उसके पास तांगा होता है। अब प्रश्न यह उठता है कि बसंती जब शिव मंदिर पैदल आई थी तो उसके पास तांगा कहां से आया था? वीरू का किरदार निभाने वाले धर्मेंद्र भी हेमा से पूछते हैं कि आज तुम्हारी धन्नो कहां है?
इस डायलॉग के सीन के दौरान ही जब गब्बर बने अमज़द खान अपने तीन डाकुओं को गोली मारते है तो वो तीनो गब्बर के ठीक सामने खड़े नज़र आते हैं। लेकिन जब गब्बर तीनों को सामने से गोली मारता है तो अगले ही सीन में दो डाकुओं की पीठ और पीछे गर्दन पर गोली लगी हुई दिखाई जाती है। प्रश्न यह उठता है कि आखिर यह कैसे संभव हुआ?
फिल्म में कई भावुक सीन भी दिखाए गए। दरअसल, फिल्म के आखिरी के कुछ पलों में जय का किरदार निभाने वाले अमिताभ बच्चन जब पुल के पास आते है तो उनकी दोनों हथेलियां खुली दिखाई जाती है। लेकिन कुछ समय बाद देखा जाता है कि जय, वीरू की बांह में दम तोड़ देता है। अमिताभ के हाथ में सिक्का रहता है। प्रश्न उठना यह भी लाजिमी है कि खाली हाथ नज़र आने वाले जय के हाथों में आखिर सिक्का कहां से आ जाता है?
फिल्म के एक सीन में डाकू जब बसंती का पीछा करता है तो इसमें दिखाते है कि बसंती अपने तांगे से स्टंट करते हुए पुल तोड़ देती है हालांकि अगले ही पल टूटा हुआ पुल जुड़ा हुआ दिखाई देता है। दरअसल, जब जय और वीरू बसंती को डाकुओं से बचाकर लौट रहे होते हैं तो वह पुल सही सलामत मिलता है, जिसे कि बसंती स्टंट करके तोड़ देती है।
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