जैसा की आप सभी को पता ही है कि हमें प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने के लिए डीलर की जरूरत होती है। मगर आजकल बहुत सारे ऐसे डीलर हैं जिनके पास लाइसेंस नहीं है, मगर वह अपना काम कर रहे हैं। अब गांव से लेकर शहर तक जितने भी बिना लाइसेंस के प्रॉपर्टी खरीदने बेचने का काम कर रहे जो लोग हैं वह सावधान हो जाएं, प्रशासन उन पर कार्यवाही करने जा रही।
जिला प्रशासन इनके कार्यालय को सील करने वाली है। इस बारे में 23 दिसंबर को जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव की अध्यक्षता में बैठक भी होने वाली है। इनमें तीनों एसडीएम, पुलिस अधिकारी व जिला नगर योजनाकार विभाग के अधिकारी सहित काफी अन्य लोग मौजूद रहेंगे।
13 साल पहले बना था Act
प्रॉपर्टी डीलरों पर लगाम लगाने के लिए 13 साल पहले हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर एंड कंसलटेंट एक्ट 2008 बनाया था। इस एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराएं बिना कोई भी व्यक्ति प्रॉपर्टी का कोई भी कार्य नहीं कर सकता। मोटे मुनाफे का सौदा होने की वजह से हालत ऐसे भी हो गए है कि इसमें जनप्रतिनिधि, राजनेता से लेकर अधिवक्ता, दुकानदार सहित कई अन्य लोग बिना लाइसेंस के प्रॉपर्टी का कार्य कर रहे है।
इसी वजह से प्रॉपर्टी से संबंधित धोखाधड़ी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए यह कानून बनाया गया था। लेकिन इसके बाद भी जिले के अधिकतर डीलर लाइसेंस के बिना ही यह कार्य कर रहे है।
ऐसे बिना लाइसेंस के यह डीलर कृषि योग्य भूमि पर कॉलोनी काटकर गुम हो जाते हैं। इसके बाद जो कार्यवाही होती है उससे सीधा नुकसान यहां प्लॉट पर मकान बनाने वाले लोगों को होती है। क्योंकि प्रॉपर्टी डीलर का कहीं भी कोई गारंटी कॉलोनी काटने में नहीं लगती।
ऐसे डीलर तहसीलदारों से सेटिंग कर लोटो की रजिस्ट्री भी करा देते हैं।यदि डीलर के पास लाइसेंस होगा तो गलत काम करने के बाद उसे पकड़ना आसान हो जाएगा। बिना रजिस्ट्रेशन के डीलर से प्रॉपर्टी की खरीद बेच नहीं करनी चाहिए।
ऐसे लोग कभी भी धोखा दे सकते हैं। पंजीकृत प्रापर्टी डीलर गलत डील करने के जिम्मेदार होते हैं।
इसलिए वह ऐसा काम करने से पहले कई बार सोचेंगे जरूर। एक्ट के मुताबिक डीलर को लाइसेंस नंबर सहित अपने कार्यालय पर बोर्ड लगाना होता है। सभी खरीद-फरोख्त की एग्रीमेंट बयाना की कापी तहसील कार्यालय में जमा करवानी होती हैं।
प्रत्येक सौदे के क्रय-विक्रय व प्राप्त कमीशन का रिकार्ड रजिस्टर में रखना होता है। वह तय कमीशन से अधिक भी नहीं ले सकता। जिला उपायुक्त के आदेश के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।