कोरोना महामारी की मार हर किसी ने झेली है | लेकिन श्रमिकों को महामारी में अपनी गिरफ्त में यूँ ले रखा है कि वह निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि अपने पेट को पालने के लिए शहर में ही रहें या जान बचाने के लिए गांव की ओर बढ़े | महामारी के कारण हरियाणा से पलायन कर गए निर्माण में लगे मजदूरों के लिए सरकार ने खुशखबरी वाला फैसला लिया है। प्रदेश सरकार उनके वापस आने पर 1500 रुपये किराया देगी। मजदूरों के लिए यह सुविधा आने दो महीनों तक होगी। यह जानकारी हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दी। दुष्यंत पंचकूला के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में मंगलवार को आयोजित श्रमिक कल्याण बोर्ड की बैठक के बाद चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात कर रहे थे और वहां उन्होंने यह जानकारी दी ।
श्रमिकों के बिना शहर, प्रदेश सब सूना लग रहा है | उद्योग चालू हो चुके हैं लेकिन वहां काम करने वाला कोई नहीं है | मंगलवार को दुष्यंत ने बताया कि सरकार श्रमिकों को दूसरे प्रदेश से हरियाणा में लाने के लिए सरकारी बसों की सुविधा भी दे सकती है। चौटाला ने बताया कि महामारी के चलते अब तक तीन लाख दस हजार श्रमिकों को 154 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है, जिसके तहत प्रत्येक श्रमिक को एक हजार रुपये प्रति सप्ताह दिए हैं।
श्रमिकों सिर्फ घरों को ही नहीं बनाते वह शहर को भी रोशन करते हैं | मजदूरों की मेहनत ही होती है कि देश,दुनिया में बड़े-बड़े निर्माण होते हैं | श्रमिकों की महत्वता लॉकडाउन से पड़ना मालुम हुई | डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि प्रवासी मजदूरों को किराया देने के अलावा उनके कल्याण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं की मंजूरी का फैसला निदेशालय लेवल पर लिया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि भवन व अन्य निर्माण कार्यों से जुड़ी रेजिस्टर्ड कंपनियां दूसरे प्रदेशों के श्रमिकों को अपने यहां काम देने के लिए लाना चाहती हैं तो सरकार इसके लिए न केवल उन्हें सुविधाएं देगी, बल्कि अधिकतम 1500 रुपये प्रत्येक श्रमिक के हिसाब से किराया भी वहन करेगी।
सरकार अब जो कदम उठा रही है वह काफी पहले उठा लेने चाहिए थे | लेकिन देर आए दुरुस्त आए | श्रमिकों को सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली यह राशि प्रदेश में पहुंचते ही मुहैया करवाई जाएगी। हरियाणा के श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक ने बताया कि मजदूरों के कल्याणार्थ लागू की गई योजनाओं में पारदर्शिता लाने के लिए अब इनकी स्वीकृति निदेशालय स्तर पर की जाएगी। मजदूरों को कल्याण योजनाओं का फायदा देने के लिए कई जिलों से अधिकारी स्तर पर देरी करने व बिना वजह चक्कर लगवाने की शिकायतें मिल रही थी।
Written By – Om Sethi