हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वह सभी छात्रों को बिना परीक्षा के उत्तीर्ण कर दें, राज्य के सभी संसथान इस पर अमल भी कर चुके हैं, पर ymca प्रशासन परीक्षा लेने की जिद पर अड़ा है।
यह विश्वविद्यालय की ओर से छात्रों के लिए एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि यह बिना पूछे और यहां तक कि छात्रों की परीक्षा और इससे जुड़ी समस्याओं पर विचार किए बिना ही निर्णय ले रहा है।
शुरू से ही विश्वविद्यालय छात्रों के सामने आने वाले मुद्दों की उपेक्षा करता रहा है और सभी स्थिति में हमें हालात से समझौता करने को कहता रहा है, और अब वे हमें हर तरह से शांत रखने की कोशिश कर रहे हैं, और निर्णय को मानने का दवाब बना रहे हैं।
सरकारों के नोटिस के बाद भी कि अंतिम वर्ष को 50% आंतरिक अंकों और 50% पिछले सेमेस्टर स्कीम के आधार पर पदोन्नत किया जाना चाहिए, सम्मानित जेसी बोस विश्वविद्यालय जबरदस्ती उन सभी तरीकों से छात्रों को परेशान करके परीक्षा आयोजित करने की कोशिश कर रहा है।
हमें DSW द्वारा बताया गया था कि यदि हम परीक्षा नहीं देते हैं, तो हमारी डिग्री में COVID प्रभावित डिग्री का अंकन होगा। जब इस योजना ने काम नहीं किया तो उन्होंने भावनात्मक रूप से भी प्रयास किया लेकिन कोई भी छात्रों की समस्याओं को समझने की कोशिश नहीं कर रहा है।
कुछ छात्र परीक्षा देने के लिए सही मानसिकता में नहीं हैं क्योंकि कुछ छात्रों के परिवार के सदस्य कोरोना वायरस से पीड़ित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
हम आपसे अनुरोध करते हैं कि मामले को देखें और 50-50% योजना का पालन करने के लिए सीएम के आदेश का पालन करने के लिए हर संभव प्रयास करें। बार बार परीक्षा होने या ना होने के जाद्दोध्द में सभी छात्र काफी परेशान हो चुके हैं, सब लोगो को कभी लगता है कि परीक्षा होगी कभी लगता है कि नही होगी,इसी कारणों से मानसिक रूप से लोग तंग आ चके हैं,
Online परीक्षा का आयोजन एक 3rd पार्टी प्लेटफार्म पर करवाया जा रहा है, उसके असली नियम और शर्ते पहले सही से नही बताई गई, अब उसके आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस तकनीक से फ़ोन से परीक्षा देने वालों को काफी दिक्कत आने वाली है,
लैपटॉप सबके पास है नही, और जो शर्ते फ़ोन को परीक्षा के दौरान चलाने के लिए रखी गयी है उसमें टेस्ट फ्रीज यानि कि चीटिंग का केस बनना तय है, या किसी और तकनीकी खामी के कारण फ़ोन में यह असुविधा होना तय है,इस बात का कोई निवारण नही हुआ है अबतक और इसके बाद भी परीक्षा को करवाने की जबर्दस्ती जारी है।