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शादी के कुछ समय बाद ही विधवा हुई वंदना, ससुराल वालों ने धूमधाम से करवाया छोटे बेटे से पुनर्विवाह

जैसा की आप सभी को पता ही है कि हमारा देश अब बहुत आगे बढ़ता जा रहा है। और जो पुरानी कुरीतियां है उन्हें खत्म करने की कोशिश भी कर रहा है। लेकिन अभी भी देश में दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियां कहीं ना कहीं सांस ले रही है। और इन्ही कुरीतियों में  विधवा होना भी एक अभिशाप माना जाता है।मगर कुछ लोग इन कुरीतियों को खत्म करने की  लगातार कोशिश में लगे हुए है।

आज हम भी आपको ऐसे ही एक कोशिश करने वाले परिवार के बारे में बताएंगे, जिसने अपनी विधवा बहू का पुनर्विवाह करवाने का सोचा है। यह कोशिश बांदा जिले के एक परिवार ने की है। उन्होंने अपनी विधवा बहू की शादी अपने छोटे बेटे से करवाने का फैसला लिया है।

शादी के कुछ समय बाद ही विधवा हुई वंदना, ससुराल वालों ने धूमधाम से करवाया छोटे बेटे से पुनर्विवाह

आपको बता दे इतना ही नहीं परिवार ने यह शादी कोई साधारण तरीके से नहीं बल्कि बहुत ही ग्रैंड मैरिज करवाने का सोचा है। यह शादी भव्य मैरिज हॉल में पूरी शान और शौकत से करवाई। यहां विधवा या पुनर्विवाह का रिवाज नहीं है। लेकिन क्षत्रिय महासभा ने इस पुरानी मान्यता को दरकिनार कर एक नया संदेश दिया है।

आपको बता दें विधवा का नाम वंदना सिंह है। उन्होंने मैरिज हॉल में अपने देवर शुभम सिंह उर्फ मनीष के साथ शादी का पवित्र बंधन सात फेरों के साथ बांधा है। सभी ने इन दोनों और इनके परिवार के सम्मान में खूब तालियां बजाई और नव जोड़े को दिल से बधाई भी दी।

इसमें सबसे ज्यादा सम्मान का पात्र शुभम है। उन्होंने अपनी विधवा भाभी वंदना को शुभ मुहूर्त में अपनी पत्नी का दर्जा दिया और पूरे सम्मान के साथ उन्हें स्वीकार किया। यह पुनर्विवाह छत्रिय समाज में एक नई शुरुआत है।

विधवा से पुनः सुहागन बनी वंदना सिंह स्नातक है। उसने बताया कि शादी के कुछ महीने बाद ही उनके पति की मृत्यु हो गई थी लेकिन उन्होंने बताया उनके ससुराल वाले बहुत अच्छे है। उसके साथ ससुर और ससुराल के सभी सदस्य हैं उन्हें अपनी बेटी की तरह मानते है।

ससुराल की तारीफ करते हुए वंदना ने कहा कि वहां का माहौल उसे मायके से भी ज्यादा अच्छा लगता था। उसने कहा कि इस बात से वह बहुत खुश हैं कि फिर वही परिवार ससुराल के रूप में मिला। वंदना ने कम उम्र में विधवा होने वाली युवतियों से कहा कि हौसला रखें और परिवार की उम्मीद से नए जीवन की शुरुआत करे।

शुभम ने बताया कि वंदना ने ससुराल में सम्मानजनक और प्रेम पूर्ण व्यवहार से सभी का दिल जीत लिया था। बड़े भाई के जाने के बाद वह बहुत ज्यादा दुखी हुई थी। लेकिन परिवार ने उनका प्यार कम नहीं हुआ तह। उनकी इसी की अच्छाई से प्रभावित होकर उन्होंने शादी का फैसला लिया था।

क्षत्रिय महासभा के बांदा जिला अध्यक्ष नरेंद्र सिंह परिवार सहित महासभा के तमाम पदाधिकारियों ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया। साथ ही यह भी कहा कि बुंदेली धरती से शुरू हुआ। यह सब कार्य देश प्रदेश तक फैलाया जाएगा। कहा कि  कम उम्र में विधवा होने वाली बेटियों की अपेक्षा और दशा पर हम मूकदर्शक नहीं रह सकते।

Avinash Kumar Singh

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