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सुल्तान के बेटे मुर्राह चांद की कीमत पहुँची करोड़ो में, पालने में रोजाना खर्च होते हैं हजारों

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पशुपालन वैसे तो अच्छी आदत है लेकिन यह आदत जब आमदनी और कमाने का जरिया बन जाए तो सोने पर सुहागा हो जाता है आपने सुल्तान झोटा का नाम तो सुना ही होगा मुर्राह जाति का एक ऐसा झोटा जिसने पूरे हरियाणा में अपना नाम कमाया और कई प्रतियोगिताओं के खिताब को अपने नाम किए उसी सिलसिले में सुल्तान झोटे का बेटा मुर्राह चांद भी अपना नाम कमा रहा है।

चांद के मालिक प्रदीप की पशु पालने का शौक था यह शौक से अच्छी नस्ल के पशुओं को तैयार करने मैं बदल गया उसके बाद सौदा पुर गांव के मराठा प्रदीप रोड ने अपने शौक को पूरा करने के लिए नौकरी छोड़ दी बाद में यह शौक पशुपालन में बदलकर अच्छी नस्ल के पशु तैयार करने में बदलता चला गया और अभी प्रदीप कटरा पंजाब में एक चैंपियनशिप जीतकर आया है

सुल्तान के बेटे मुर्राह चांद की कीमत पहुँची करोड़ो में, पालने में रोजाना खर्च होते हैं हजारों
सुल्तान के बेटे मुर्राह चांद की कीमत पहुँची करोड़ो में, पालने में रोजाना खर्च होते हैं हजारों

मुर्राह झोटा चांद की कीमत अभी तक करोड़ों में मानी जा रही है वहीं चांद का पिता सुल्तान की कीमत ₹210000000 थी प्रदीप ने चांद को इस कदर ट्रेनिंग दी है कि चांद प्रदीप की एक आवाज सुनते ही रसोई तक आ जाता है चांद को उठाने बैठने में एक जगह करने के लिए प्रदीप का एक इशारा ही काफी होता है पंजाब के जगराओं मंडी में आयोजित पीडीएफ ए इंटरनेशनल डेरी व एग्री एक्सपोर्ट चैंपियनशिप में लगभग 3000 प्रतियोगिता भाग लेने आए थे लेकिन चांद सबसे कम उम्र का होने के बाद भी इस प्रतियोगिता का विजेता रहा

सुल्तान के बेटे मुर्राह चांद की कीमत पहुँची करोड़ो में, पालने में रोजाना खर्च होते हैं हजारों

इससे पहले भी चांद कई प्रतियोगिताएं जीत चुका है कि 2 वर्ष 9 माह की आयु में महिला जिला फतेहाबाद में आयोजित राष्ट्र स्तरीय पशु प्रदर्शनी में 2 से 4 दांत कैटेगरी में हिस्सा लिया पुरानी नहीं तो इसमें छह सौ से ज्यादा पशुओं ने हिस्सा लिया और इसमें भी चांद ने अपनी जीत का परचम लहराया

चांद को रोजाना चने का आटा गेहूं बिनोला खल हरी सब्जी व चारा खिलाते हैं इसके अलावा वह रोजाना 5 लीटर दूध पीता है खाने की डाइट में दिनचर्या पशु चिकित्सकों की सलाह के अनुसार चलती है शाम हर रोज 5 किलोमीटर की सैर करता है और रोज 2000 करीबन इस पर खर्च हो जाते हैं

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