आजकल तो हर जुबान पर कोरोना वायरस के संक्रमण का ही बोलबाला है। हर व्यक्ति इस संक्रमण के बारे में और इससे बचने के बारे में सुझाव देता हुआ नजर आता है। लेकिन फरीदाबाद शहर में कोरोना वायरस ने आबोहवा को ही बदल कर रख दिया है। जहां एक और दिन प्रतिदिन कोरोना वायरस तेजी में वृद्धि देखने को मिल रही है, इस वायरस की आड़ में कई नकाबपोश खूनी खेल को अंजाम दे रहे हैं।
आपको बता दें कि फरीदाबाद जिले में आए दिन गोलीबारी कि घटना घटित हो रही है, मानो की कोई खुशी का मौका हो या आतिश्वाजी का फेस्टिवल हो।
आपको जानकर हैरानी होगी कि यह शोर किसी आतिशबाजी का नहीं है बल्कि यह तो स्मार्ट सिटी में बढ़ती हुई क्राइम स्तर कि वह चीखें हैं जो खूनी खेल में पीड़ित की आवाज से पूरे जिले में गूंजती है।
इसका एक ताज़ा उदाहरण कल घटित हुई घटना से के सकते हैं, जिसमें एसजीएम निवासी प्रवीण की ताबड़तोड़ फायरिंग करके उसी के घर में हत्या कर दी।एसजीएम नगर में प्रवीण की हत्या करने आए हमलावर उसके जानकार थे। प्रवीण के घर पहुंचने पर हमलावरों ने पहले उससे हाथ मिलाया और फिर गले मिले।
इसके बाद प्रवीण उन्हें अपने बैठक वाले कमरे में ले गया और उनके लिए कोल्ड ड्रिंक मंगवाई। कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद अचानक तीनों ने प्रवीण पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी और फरार हो गए। पुलिस गली में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी है।
कब और कहां खेला गया बंदूक की नोक पर खूनी खेल
22 जून: डबुआ थाना क्षेत्र की त्यागी मार्केट में एक युवक ने हवाई फायरिंग की।
21 जून: बीपीटीपी थाना के फरीदपुर गांव में रविवार रात चाचा-ताऊ के परिवार में झगड़ा के दौरान सलमान उर्फ मुंडा ने फायरिंग की। गोली पड़ोस में रहने वाले 35 वर्षीय सुनील की जांघ में लगी।
21 जून: बीपीटीपी थाना क्षेत्र के फरीदपुर गांव में जमीनी विवाद में रविवार रात एक पक्ष के लोगों ने पड़ोसी के घर में घुसकर धारदार हथियार से हमला कर दिया। शोर सुनकर पहुंचे लोगों ने जब बीच-बचाव किया तो आरोपी फायरिंग कर वहां से फरार हो गए।
19 जून: मुजेसर थाना के सेक्टर-22 मोड़ पर मिनी स्वीट्स पर मोटर साइकिल सवार दो युवकों ने फायरिंग कर की।
24 जून: एसजीएम नगर में घर में घुस, बातचीत की। इतना ही नहीं हाथ मिलाया, गले मिले और कोल्ड्रिंक्स पी उसके बाद बरसाई गोलियां।
उक्त घटना पढ़कर हर किसी का दिल जरूर सहम गया होगा कि आखिर इतना क्राइम बढ़ने का कारण क्या है? अब आप लोगों के मन में भी यह सवाल जरूर घर करने लगेगा कि वाकई फरीदाबाद शहर आपके और आपके अपनों के लिए सुरक्षित क्षेत्र है? क्या सच में कोई व्यक्ति आजादी से या भयमुक्त होकर फरीदाबाद के सड़कों पर घूम सकते हैं? आखिर क्यों पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है और दिन प्रतिदिन क्राइम स्तर चरम सीमा पर है?