बिकने को तैयार है हरियाणा का यह मोहल्ला, चिपकाए ‘मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर, जानिए क्या है कारण?

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ज्यादातर मकान या प्रॉपर्टी अपने पैसे की जरूरत के कारण बिकते हुए देखे होंगे। पैसों की जरूरत के कारण व्यक्ति अपनी पूरी जायदाद तक बेच देता है। लेकिन आज हम आपको हरियाणा के एक ऐसे मोहल्ले के बारे में बताने जा रहे है जहां एक या दो मकान नहीं बल्कि पूरा मोहल्ला ही बिकाऊ है। फिलहाल हरियाणा के पानीपत जिले को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। सनौली रोड पर गुजरां वाला मोहल्ला ने तंग आकर अपने घरों के आगे ‘ये मकान बिकाऊ है’ के पोस्टर लगा दिए हैं। हाल ही में हुई नगर निगम की हाउस बैठक में विधायक प्रमोद विज ने कहा था कि नकारा व्यवस्था के कारण डूब गया पानीपत, शहर अभी शर्मनाक स्थिति में है। एक साल से यहां पानी की निकासी नहीं हुई।

शिकायत कर-करके तंग आ चुके लोगों ने तो अब यहां से मकान बेचने का ही फैसला कर लिया है। मोहल्ले में करीब पचास घर हैं। फिलहाल पंद्रह से बीस मकान बिक चुके हैं। कुछ मकान मालिकों ने घर किराये पर देकर कहीं और शिफ्ट कर लिया है। वहीं जिनका घर किराये पर नहीं चढ़ा, उन्होंने ताला लगा दिया है।

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बता दें कि यह मोहल्ला गुरुद्वारा भाई नरैण सिंह के सामने वाले रोड पर है। पानी की निकासी ठप होने की वजह से लोगों के घरों में पानी घुस जाता है। रसोई से लेकर बेडरूम तक हर कमरे में यह गंदा पानी घुस जाता है। बाल्टियों और मगों की मदद से पानी बाहर निकालते हैं लेकिन फिर से अंदर आ जाता है। लड़कियां कई बार इसके कारण स्कूटी से भी गिर चुकी हैं, कई को तो गंभीर चोटे भी आई है। शिकायत पर सफाई कर्मी आते हैं और खानापूर्ति करके निकल जाते हैं। इस समस्या का स्थायी समाधान अभी तक नहीं हो से पाया और अंत में लोगों ने यहां से घर बेचने का ही कदम उठा लिया।

नहीं छोड़ा कोई विकल्प

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अमर भवन चौक, राजपुताना बाजार के प्रधान एवं संयुक्त व्यापार मंडल समिति के सचिव अशोक सलूजा ने कहा कि आखिर कितनी बार एक ही चीज की शिकायत की जाए। हर चीज की एक सीमा होती है। घरों के अंदर तक पानी घुस गया है, नरक जैसे हालात हैं यहां। इसकी वजह से अब तो लोगों ने अपने घरों पर ताले लगाने भी शुरू कर दिए हैं और किसी दूसरी जगह जाकर बस रहे हैं।

बच्चों का स्कूल जाना भी बंद

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रितु का कहना है कि बच्चों को बाहर जाने में अब डर लगने लगा है। बाहर निकलने को तैयार नहीं होते वे लोग और स्कूल भी नहीं जाना चाहते। वह कई बार स्कूटी से गिर चुकी हैं। मेयर अवनीत कौर को इस संबंध में कई बार बता चुके हैं। फिर दो-तीन कर्मचारी आते हैं ऊपर-ऊपर की सफाई करके चले जाते हैं। यहां के नालों का दोबारा निर्माण होना चाहिए। इसका कोई स्थायी समाधान नहीं हो रहा।

बच्ची के साथ हो चुका है हादसा, पार्षद अपनी मौज में

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संतोष अरोड़ा का कहना है कि इस गली में नरक जैसे हालात हो रखे हैं। पार्षद अशोक नारंग के पास कई बार इसकी शिकायत लेकर जा चुके हैं। उनकी पोती भी यहां गिर चुकी है, बहू यहां पार्लर चलाती हैं। उसका काम भी ठप हो चुका है।

एक साल से ब्लाक हैं सड़क के नाले

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दिनेश सलूजा का कहना है कि इस सड़क पर एक साल से नाले ब्लाक हैं। पार्षद से लेकर विधायक के पास गए हैं। कहते हैं कि सीवर जाम है। हम पूछते हैं, इसका कोई हल तो होगा। आज हम चांद पर पहुंच गए हैं। क्या एक छोटी सी समस्या का हल नहीं है। यहां पर ऐतिहासिक गुरद्वारा है। उसके बावजूद ध्यान नहीं दिया जा रहा। समस्या का समाधान तभी होगा, जब नई सीवर लाइन डाली जाएगी। नाला बनाया जाए।

रोजाना बच्चों के गिरने की आ रही खबर

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उर्मिला ने बताया कि रोजाना यहां बच्चों के गिरने की खबर आती है। अब तो बच्चों को बचाना मुश्किल हो रहा है। इस क्षेत्र में चर्म रोगी बढ़ते जा रहे हैं। इसकी वजह से इलाज में बहुत खर्चा हो रहा है। पार्षद सुनवाई नहीं कर रहे हैं। क्या हम नरक में जीते रहें, क्या हमारी समस्या का समाधान नहीं होगा?

धरने पर बैठने को बोलते है पार्षद नारंग

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बता दें कि वार्ड आठ की पार्षद मीनाक्षी नारंग हैं। इनके पति अशोक नारंग भाजपा नेता है। पहले अशोक नारंग ही यहां के पार्षद थे। उनका कहना है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। जब भी सफाई मशीन के लिए कहते हैं तो एक ही जवाब मिलता है कि मशीन खराब है या फिर पंद्रह दिन बाद मिलेगी। वह तो लोगों के साथ धरने पर बैठने को भी तैयार हैं। वह भी इसकी शिकायत करके थक चुके हैं आज तक इस मामले में निगम की तरफ से कोई सुनवाई नहीं हुई।