फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता जिस तरह खराब होती जा रही है प्रशासन भी उसके तरफ काफी सचेत नजर आ रहा है क्योंकि शहर में वायु प्रदूषण को किस प्रकार कम किया जाए नगर निगम इस पर नहीं बल्कि वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए योजना बना रहा है। निगमायुक्त की तरफ से कहा गया कि 2025 तक शहर में लगातार परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी के लिए तीन और स्टेशन स्थापित करने की योजना है।
इन स्टेशनों के निर्माण में कुल 72 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं और इसमें से फरीदाबाद नगर निगम को पहले ही 24 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।
वर्तमान की बात करें तो फरीदाबाद में फिलहाल पांच निगरानी केंद्र हैं। ये सेक्टर 11, 16 और 30, बीके चौक और बल्लभगढ़ में स्थित हैं। नए स्टेशन सेक्टर 79 में वर्ल्ड स्ट्रीट के पास ग्रीनफील्ड और आईएमटी फरीदाबाद के पास स्थापित होंगे। उम्मीद है कि पहला स्टेशन मार्च 2022 तक स्थापित हो जाएगा।
नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने कहा कि वर्तमान में कुल 5 निगनानी स्टेशन हैं। इसके अलावा दो और स्टेशन स्थापित होने है, मार्च 2022 तक पहला स्टेशन स्थापित होने की उम्मीद है। प्रमुख हॉटस्पॉट में प्रदूषकों का विश्लेषण करने के लिए वायु निगरानी स्टेशनों को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। इसकी मदद से कार्य योजना के कार्यान्वयन के लिए बेहतर डेटा प्रदान करेगा।
एचएसपीसीबी ने जिले में अधिक निगरानी स्टेशनों की आवश्यकता को रेखांकित किया है क्योंकि डेटा से पता चलता है कि नाइट्रोजन ऑक्साइड से बने नाइट्रेट कण और सल्फर डाइऑक्साइड से बने सल्फेट कण शहर के पीएम 2.5 लोड में लगभग 25% का योगदान करते हैं।
जो नए निगरानी स्टेशन बनाए जाएंगे वो पूरी तरह से स्वचालित होंगे। उनका कहना है कि जिले में मैनुअल और स्वचालित दोनों तरह के स्टेशन होने चाहिए। उन्होंने कहा कि PM10, PM2.5, NO2, SO2 or ओजोन और CO2 सहित मानक प्रदूषकों को GRAP के कार्यान्वयन के लिए माना जाता है क्योंकि इसके कारण लोगों को हृदय और सांस से संबंधित गंभीर बीमारी हो सकती है। इन प्रदूषकों का सारा डाटा मैनुअल स्टेशन प्रदान करते हैं।
सीपीसीबी के पूर्व प्रमुख दीपांकर साहा का कहना है कि तात्कालिक डाटा के लिए CAAQMS स्टेशन है। मैनुअल स्टेशनों के डाटा का प्रयोग हवा में मौजूद इस जहर को आंकने और स्वास्थ्य संबंधी अध्यन के लिए किया जाएगा।