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गोबर और गौमूत्र बने गौशाला की आजीविका का साधन, आर्धिक संकट से मिल रहा है छुटकारा

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फरीदाबाद : आपने गाय के फायदे तो सुने होंगे की उनमे पूरी सृष्टि बसी हुई है लेकिन आज के हालत देखते हुए इन पर तरस आने लगा है लेकिन उनके हित के लिए बनाई गई गौशाला बहुत महत्वपूर्ण स्थान बना रही है । जिसके कारण कुछ गायो को आसरा मिला है वही इनके रहन सहन के साथ साथ इनकी यहां देखभाल भी हो जाती है।

लेकिन कुछ समय पहले यह बात सामने आई थी की गौशाला में देखभाल मुश्किल है क्योंकि यह एक गंभीर बात है की इनके लिए चारा गौशाला में रखरखाब का खर्चा कहा से होगा। सरकार का साथ होता है पर सरकार ऐसी बहुत सारी गौशालाओ का भरण पोषण कर रही है ।

गोबर और गौमूत्र बने गौशाला की आजीविका का साधन, आर्धिक संकट से मिल रहा है छुटकारा
प्रतीकात्मक तस्वीर

इसी कड़ी में बल्लभगढ़ की गौशाला इन दिनों अन्य गौशाला के लिए एक मिशाल बन गई है क्योंकि इस गोशाला ने अब अपनी जीविका का साधन ढूढ लिया है आपको बता दे की बल्ल्भगढ़ की ऊँचा गॉव स्तिथ की गौशाला गोबर और गौमूत्र से व्यावसायिक सामान तैयार कर रही है ।

जिनको लोग खूब पसंद कर रहे है इस गौशाला में गोबर और गौमूत्र से अगरबत्ती , साबुन , दीये, हवन के उपले व् लड़की के आकार के उपले सहित कई सामान तैयार किये जाते है।

गौशाला में गायो के डॉ सत्यवान शर्मा ने बताया की जब महामारी का काल चल रहा था तब यंहा पर आर्थिक संकट घेरने लगा था। इसका काफी नुकसान भी गौशाला को झेलना पड़ा था। तब यंहा के संचालको ने यह रास्ता दिया की गौशाला से निकलने वाले गोबर गौमूत्र को मदद का साधन बनाया जाये ।

गोबर और गौमूत्र बने गौशाला की आजीविका का साधन, आर्धिक संकट से मिल रहा है छुटकारा
प्रतीकात्मक तस्वीर

और यह युक्ति काम कर गई यंहा पर गोबर और गौमूत्र से सामना बनाना शुरू कर दिया। यह कहना गलत नहीं होगा की लोगो को यहां तक पहुंचने में समय लगा । पहले लोग इस सामान को खरीदने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते थे पर समय हर मर्ज की दवा है धीरे धीरे लोगो की इस सामान के प्रति सोच बदलने लगी और आज सभी इस सामान को खरीद रहे है और इस गौशाला को आर्थिक मजबूत बना रहे है

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