करोड़ो दिलों पर राज करने वाली सपना चौधरी अब किसी भी समय जेल जा सकती हैं। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने डांस का प्रोग्राम कैंसिल करने व टिकट धारकों का पैसा वापस नहीं करने के एक मामले में मशहूर डांसर सपना चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। विशेष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि सपना चौधरी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो चुका है। वहीं, ट्रायल कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। ऐसी स्थिति में अग्रिम जमानत का उचित आधार नहीं पाया जाता है।
सरकारी वकील नवीन त्रिपाठी ने इस अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि डांस प्रोग्राम के मद्देनजर जनता से बड़ी धनराशि एकत्रित की गई है। लिहाजा अर्जी निरस्त की जाए।
14 अक्टूबर, 2018 को सआई फिरोज खान ने थाना आशियाना में इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी। दर्ज रिपोर्ट में कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, नवीन शर्मा, पहल इंस्टीट्यूट के इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के साथ ही सपना चौधरी को भी नामजद किया गया था।
13 अक्टूबर, 2018 को स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक सपना समेत अन्य कलाकारों का प्रोग्राम था। जिसके लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपये की दर से ऑनलाइन व ऑफलाइन टिकट बेचा गया था। इस प्रोग्राम को देखने के लिए हजारों दर्शक मौजूद थे। रात्रि 10 बजे तक सपना चौधरी नहीं आईं तो उन्होंने हंगामा कर दिया। आरोप है कि इसके बाद टिकट धारकों का पैसा भी वापस नहीं किया गया।
20 जनवरी, 2019 को इस मामले में मुल्जिम जुनैद अहमद, इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 व 420 में आरोप पत्र दाखिल हुआ था।
इसके बाद 27 जुलाई, 2019 को सपना चौधरी के खिलाफ भी इन्हीं धाराओं में आरोप पत्र दाखिल हुआ। चार सितंबर, 2021 को विचारण अदालत ने इस मामले में सपना चौधरी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद सपना के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हुआ था।