वैश्विक महामारी घोषित किए जा चुके कोरोना वायरस के चलते पूरे देश भर में करीब ढाई महीने तक लॉकडाउन की स्थिति रही जिसका खासा असर लोगों के सामान्य जीवन पर पड़ा वही इस लॉक डाउन का असर सरकार की कमाई पर भी देखने को मिला और सरकारी कमाई भी इससे खास तौर पर प्रभावित हुई।
इस वर्ष अप्रैल माह में हरियाणा सरकार की कमाई अप्रैल माह वर्ष 2019 के मुकाबले 55% कम हुई है जिससे साफ पता चलता है कि इस घातक वायरस ने लोगों के जीवन को प्रभावित करने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी चरमरा कर रख दिया है।
हरियाणा राज्य में बीते वर्ष अप्रैल महा 2019 में जीएसटी, राजस्व कर, वाहनों पर कर, सड़क परिवहन और खनन सहित विभिन्न स्त्रोतों से 5430.79 करोड़ रुपए की राजस्व राशि एकत्रित की थी। वही इस वर्ष अप्रैल माह वर्ष 2020 में कोरोना महामारी और लॉक डाउन के चलते हरियाणा सरकार केवल 2,449.31 करोड़ रुपए राजस्व राशि एकत्रित करने में सफल हो पाए है। जो पिछले वर्ष के अप्रैल माह की तुलना में 55% कम है।
हरियाणा सरकार को वर्ष 2020 के वित्तीय वर्ष में पिछले वर्ष की तुलना में अधिक राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी ने प्रदेश सरकार की सभी नीतियों पर पानी फेर दिया और सरकार को करीब 3000 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा।
यह सभी आंकड़े हरियाणा वित्त विभाग द्वारा गुरुग्राम निवासी असीम ताक्यार द्वारा लगाई गई आरटीआई के प्रतिउत्तर में दिए गए है। आरटीआई कार्यकर्ता असीम ने 2019-20 और 2020-21 के लिए हरियाणा की प्राप्तियों और व्यय एवं अंतिम खातों का विवरण मांगा था। जिसके बाद इन आंकड़ों का खुलासा हो सका है। हालाकि हरियाणा वित्त विभाग द्वारा अप्रैल माह वर्ष 2020 के बाद के आंकड़ों को देने से मना कर दिया गया है।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जो राजस्व, उत्पाद शुल्क, उद्योग और वाणिज्य के साथ – साथ श्रम विभाग को भी संभालते हैं उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था को सामान्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जा रहे है।
जिसके चलते अभी तक उद्योग क्षेत्र को कई छूट दी गई हैं, एमएसएमई क्षेत्र के लिए राज्य द्वारा एक विशेष पैकेज की घोषणा की गई है। चौटाला ने कहा कि हम उन प्रवासी मजदूरों का परिवहन खर्च वहन करने की पेशकश कर रहे हैं जो राज्य में वापस आने और कुछ विशिष्ट क्षेत्र में काम करने के इच्छुक हैं।