कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से पूरा देश ग्रस्त है और इसी बीच सबसे बड़ी समस्या थी कि 12वी और 10वी की शेष परीक्षाए कैसे पूर्ण हो सकती है। बढ़ती महामारी के साथ परीक्षा लेना अब वाजिब नही रहा और इसी दौरान कुछ अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट मे परीक्षा रद्द करने की याचिका फ़ाइल की थी और उन्हें राहत भी मिल गयी है। सुप्रीम कोर्ट ने अब सभी परीक्षाए रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद बोर्ड ने नई नोटिफिकेशन जारी कि है,जिसमे मार्किंग स्कीम और बाकी ज़रूरी जानकारिया है और इस नोटिफिकेशन को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी मिल गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड को क्या कहा
कोर्ट ने सीबीएससी और आईसीइससी बोर्ड की सभी परीक्षा रद्द कर दी है। अपने निर्णय के बाद कोर्ट ने बोर्ड को कहा था कि नई नोटिफिकेशन मे आंतरिक मूल्यांकन और परिक्षा के बीच विकल्प को स्पष्ट करना और रिजल्ट की तारीख भी स्पष्ट करना आवश्यक है।
नई नोटिफिकेशन किस प्रकार है ?
सीबीएसई ने परीक्षाओ को लेकर नई नोटिफिकेशन जारी की है जिसमे परीक्षा संबंधित सभी जानकारी स्पष्ट है। नोटिफिकेशन के अनुसार परीक्षाओ के परिणाम 15 जुलाई को आएंगे और मार्किंग सीबीएसई के नियमो के मुताबिक होगी।
नोटिफिकेशन के मुताबिक सीबीएसई ने कहा है कि 12वी की बची हुई परीक्षा कोरोना महामारी की स्थिति नियंत्रण मे आने के बाद ही होंगी और यह परीक्षा केवल उन बचो के लिए होंगी जो आंतरिक या इंटरनल असेसमेंट से संतुष्ट नही होंगे, उसके लिए उनके पास एग्जाम देने का विकल्प भी रहेगा।
मार्किंग स्कीम किस प्रकार है?
जिन्होंने सारी परीक्षा दी है या सभी एग्जाम पूर्ण कर लिए हैं , उनका रिजल्ट सामान्य रूप से आएगा और उनके मूल्यांकन मे कोई बदल नही होगी।
वही जिन विद्यार्थियों ने 3 से अधिक एग्जाम दिए है, उनके शेष पेपर के लिए सर्वश्रेष्ठ 3 विषयो के औसत अंक दिए जाएंगे। वही जिन्होंने केवल 3 पेपर दिए है उनके शेष पेपर के लिए सर्वश्रेष्ठ 2 विषयो के औसत अंक लगाए जाएंगे।
वही जो विद्यार्थी केवल एक या दो पेपर दे पाया है, उनके अंक इंटरनल असेसमेंट या प्रैक्टिकल मूल्यांकन पर दिए जाएंगे। सीबीएसई ने अपनी पूरी मार्किंग बेस्ट सब्जेक्ट के ऊपर करने को कहा है।
आईसीइससी बोर्ड ने क्या कहा है?
आईसीइससी बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वो भी दसवीं के छात्रों को बाद मे परीक्षा देने का विकल्प दे सकते है। लेकिन इस बोर्ड की मार्किंग स्कीम सीबीएससी से थोड़ी अलग है।
इस पूरी प्रक्रिया मे देखना यह है कि विद्यार्थी इन विकल्पों से सन्तुष्ट हो पाएंगे या नही या वो वापिस एग्जाम देना चाहेंगे।
Written by- Harsh Datt