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मरीज की जान बचाने के लिए डॉक्टर और पुलिस ने किया ऐसा काम, जिसे सुनकर आप भी करेंगे तारीफ

आपने सुना होगा की डॉक्टर भगवान का रूप होते है यह आज यहां चिरतार्थ होती है हमेशा ही अपनी लापरवाही के लिए कारण सुर्खियों में रहने वाली पुलिस ने आज एक ऐसा ही काम किया है आपको बता दे की हरियाणा के चरखी दादरी के हरीनगर में रहने वाली 21 वर्षीय युवती ने संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी का फंदा लगा लिया था

इसकी जानकारी जब 112 पर हुई तो 22 मिनट में 5 किलोमीटर का रास्ता तय किया और युवती को फंदे से उतार कर अस्पताल पहुंचाया और जैसे ही यह बात हड़ताल पर बैठे डॉक्टर को पता चलती है तो उस युवती को बचाने के लिए एमर्जेंसी रूम में पहुंचे और उस महिला की जान बचाने का प्रयास करने लगे । हालांकि इन सब के बाबजूद उस महिला को नहीं बचाया गया

सिविल अस्पताल में हड़ताल के बाद भी डॉक्टर अपना फर्ज नहीं भूले और 9 इमरजेंसी केस अटेंड किए । इनमे फंदा लगाने वाली महिला, हादसो व झगड़ा में गंभीर रूप से घायल लोगो को शामिल रहे । 56 सरकारी चिकित्सकों के सामूहिक अवकाश से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों पर करीब 2000 की ओपीडी प्रभावित हुई। चिकित्सकों ने कहा कि अगर दो दिन के अंदर सरकार ने मांगें पूरी नहीं की तो फिर 14 जनवरी से वो पूर्णतया हड़ताल शुरू कर देंगे।

वही डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के कारण एक हजार से अधिक मरीजों को बिना जांच करवाए और घंटों इंतजार करने के बाद बैरंग वापस लौटना पड़ा। वहीं डॉक्टरों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो वह 14 जनवरी को सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं बंद करने को मजबूर होंगे।

यह रही डॉक्टरों की मुख्य मांगे


वहीं एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. गुरविंद्र गिल ने बताया कि स्पेशलिस्ट काडर बनाकर सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट की कमी को पूरा किया जाए। अधिक से अधिक सरकारी डॉक्टरों को स्पेशलिस्ट की ट्रेनिंग मुहैया करवाई जाए। एसएमओ की सीधी भर्ती को रोका जाए। ताकि अधिक से अधिक स्पेशलिस्ट सरकारी नौकरी पर आए, ताकि आम जनता को सीधा लाभ मिल सके

डॉक्टर बोले 14 तक मांगे नहीं हुई पूरी तो करेंगे सभी सेवाएं बंद


वहीं डॉक्टरों ने बताया कि मंगलवार को उनकी ओर से सांकेतिक हड़ताल की गई है। वहीं उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो 14 जनवरी को वह हर तरह की सेवाओं को बंद करने को मजबूर होंगे। वहीं उन्होंने बताया कि दिसंबर माह में भी इन्हीं मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे थे। जिसके बाद सरकार की ओर से उन्हें 10 से 15 दिनों का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं है।

deepika gaur

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