अधिकारियों और कर्मचारियों को माता प्रकाश कौर श्रवण वाणी केंद्र की ओर से संकेत भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बता दें कि प्रत्येक शुक्रवार को उनके लिए 2 घंटे की विशेष कक्षा लगा करेंगे। साथ ही महामारी के चलते 26 जनवरी तक सभी प्रशिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में 28 जनवरी से कक्षा शुरू होंगी और आयुक्त निशांत कुमार यादव का कहना है,
कि इसके लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है और सभी विभागों के अध्यक्षों को प्रशिक्षण के लिए आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। बता दें कि पहले ऑफलाइन कक्षा ही रखी जाएंगी।
जो करनाल जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए होंगे। उसके बाद दूसरे चरण में शिक्षा को ऑनलाइन भी शुरू किया जाएगा। जिससे प्रदेश केकई और जिलों में अधिकारी कर्मचारी भी शामिल हो सकें साथ ही शुरुआत में जीटी बेल्ट के जिले को लिया जाएगा और प्रदेश में मूक बधिरों की संख्या हजारों में है।
वही करनाल के केंद्र में भी विभिन्न जिलों में बच्चे पढ़ते हैं जो सांकेतिक भाषा की प्रशिक्षण कक्षा के पहले चरण में 49 विभागों को शामिल किया जाएगा। जहां सबसे ज्यादा मूक बधिरों को परेशानी आती है। सुबह उसमें स्वास्थ विभाग, बैंक, डाक घर और रोडवेज भी शामिल है।
डॉक्टर को सांकेतिक भाषा का जानना होने पर मूक बधिरों के इलाज में परेशानी आती है और बैंक व डाकघर खाता खोलने वेलेन दिन संबंधित कार्य नहीं कर पाते। इसके अलावा रोडवेज में कंडक्टर को भी मुंह का टिकट काटने में काफी दिक्कत आती है। बता दे कि प्रधानमंत्री ने सांकेतिक भाषा को मान्यता दी है। वहीं कई विभागों में मुंह की बात समझ ना आने की शिकायत भी आई थी वह भी हमारे समाज का हिस्सा है।
उनके दर्द को समझने हुए सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों को संकेतिक भाषा सिखाने के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं विभागों के अधिकारी और कर्मचारी के अलावा मूक बधिरों के हित में कई भी इच्छुक व्यक्ति आकर निशुल्क प्रशिक्षण ले सकता है और बच्चों के अभिभावकों के लिए भी शनिवार को कक्षा लगती है।