महामारी के दौरान भी नहीं टूटा आत्म बल खोल दिए सफलता के द्वार, जाने कैसे ?

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महामारी की आपदा लोगों पर इस कदर टूटी कि उनके काम धंधे ठप हो गए देशभर में लाखों लोग बेरोजगार हो गए और बहुत से लोग अवसाद में चले गए ।

महामारी के दौरान भी नहीं टूटा आत्म बल खोल दिए सफलता के द्वार, जाने कैसे ?
Credit – Oxfam

लेकिन इन विपरीत परिस्थितियों में भी फरीदाबाद के कुछ युवाओं ने हार नहीं मानी और मुश्किल हालात में भी मौका खोज कर नए स्टार्टअप शुरू की है लॉक डाउन के चलते चौपट हुआ पुराना धंधा छोड़ कर उन्होंने ना सिर्फ शुरुआत की बल्कि अपने स्टार्टअप के जरिए दूसरे लोगों को लिए भी रोजगार के मौके दिए।

एक रिपोर्ट के अनुसार आज हम आपको फरीदाबाद क्या कुछ ऐसे लोगों के बारे में बारीकी से बताने जा रहे हैं जिन्होंने इस आपदा में बेरोजगारों को रोजगार देने के साथ-साथ एक नया व्यापार शुरू किया ।

पर्वतीय कॉलोनी में रहने वाले रविंद्र इलेक्ट्रिकल से संबंधित काम करते थे वह राजस्थान पुणे सहित कई जगहों पर सरकारी विभागों के लिए इलेक्ट्रिकल मीटर लगाने का काम करते थे लॉकडाउन से पहले उनके पास 40 से 50 लोग काम करते थे लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते धंधा पूरी तरह से अचानक बंद हो गया इसके बाद रविंद्र को भी घर पर खाली बैठना पड़ा उन्होंने मौके की नजाकत को समझते कवच यानी कि मांस के सैनिटाइजर दस्ताने इत्यादि सामान बनाने वाली कंपनियों से संपर्क किया उसकी ट्रेडिंग का काम शुरू किया और फिर इससे ना सिर्फ उनकी गाड़ी पटरी पर आई बल्कि उनके साथ काम करने वालों को भी रोजगार मिल गया।

महामारी के दौरान भी नहीं टूटा आत्म बल खोल दिए सफलता के द्वार, जाने कैसे ?

सोहना रोड की अपना घर सोसायटी मैं रहने वाले विजेंद्र सिंह को रोना आपदा से पहले सोलर पैनल बनाने का काम करते थे वह सोलर पैनल के कई पार्ट्स भी तैयार करते थे लॉकडाउन के चलते उनका काम भी पूरी तरह बंद पड़ गया जिनमें 14 से 15 घंटे काम में व्यस्त रहने वाले विजेंद्र को घर पर ही खाली बैठना पड़ा लेकिन ज्यादा दिन होने यह गवारा नहीं समझा करीब 20 दिन की मेहनत के बाद बिजेंद्र ने सैनिटाइज करने वाला चेंबर बना लिया उन्होंने बताया कि सैनिटाइजेशन चेंबर लेने के लिए उनके पास कई कंपनियों से आर्डर आने शुरू हो चुके थे विजेंद्र का कहना है कि हर परेशानी में एक मौका छुपा होता है जरूरत बस उस मौके को पहचानने की होती है।

महामारी के दौरान भी नहीं टूटा आत्म बल खोल दिए सफलता के द्वार, जाने कैसे ?

Sector-59 में रहने वाले संजीव सरदाना बताते हैं कि उनका पहले मशीन असेंबलिंग का काम था लोग डॉन के बाद काम की गति काफी धीमी पड़ गई जिसके कारण आर्थिक रूप से परेशानी सामने आने लगी ऐसे में संजीवनी मौके की अहमियत को समझते हुए यूसीबी चेंबर बॉक्स बनाया जिसमें घर के सभी सामान को रखकर पूरी तरह से सैनिटाइज किया जा सकता है संजीव का कहना है कि कई सरकारी विभागों में वह यह बॉक्स लगा चुके हैं उनके अनुसार कई बार जिंदगी में ऐसे मौके आते हैं जब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं लेकिन बिना हार मानी नए मौके की तलाश में लगे रहना चाहिए तभी जाकर सफलता हासिल होती है।

तो यह थी फरीदाबाद शहर के ऐसे लोगों की दासता जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने कोरोना महामारी को आपदा ना समझ कर अपने जीवन को और अच्छा करने का मौका समझा और परिणाम स्वरूप उन्होंने सफलता भी हासिल की।