Categories: IndiaTrending

हरियाणा के इस शख्स ने ऑटोमेटिक ईट बनाने का मशीन का किया आविष्कार, लोगों को कम करनी पड़ेगी मेहनत

कहते हैं ना कि आवश्यकता है अविष्कार की जननी होती है ।भारत में आज भी हुनर की कोई कमी नहीं है ।आज भी भारत के कई ऐसे लोग हैं।जिन्होंने विभिन्न तरह के अविष्कार करके पूरे विश्व में अपनी एक पहचान बनाई है।वही कुछ ऐसे भी लोग हैं ,जिन्होंने अपने अविष्कारों से कई लोगों के काम के बोझ को कम किया है ।आज हम भारत के ऐसे ही एक शख्सियत का जिक्र कर रहे हैं।जिन्होंने अपने एक अद्भुत आविष्कार से कई लोगों के काम काफी सहज करने का प्रयास किया है ,जो कि काफी प्रशंसनीय है।

इसका आविष्कार करने वाले शख्स का नाम सतीश चिकारा है। सतीश ने ऑटोमेटिक ईट बनाने की मशीन का अद्भुत आविष्कार किया है। इसके जरिए बहुत कम समय में ही ढेरों ईंटें तैयार की जा सकेगी। इससे मजदूरों को कम मेहनत करनी पड़ेगी और इमारतों के निर्माण के लिए कमी को पूरा किया जा सकेगा। ये अपने आप में अद्भुत अविष्कार है। जिसे पूरी दुनिया में पहचान मिली है ।तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से

हरियाणा के इस शख्स ने ऑटोमेटिक ईट बनाने का मशीन का किया आविष्कार, लोगों को कम करनी पड़ेगी मेहनतहरियाणा के इस शख्स ने ऑटोमेटिक ईट बनाने का मशीन का किया आविष्कार, लोगों को कम करनी पड़ेगी मेहनत

जैसा कि आप इससे वाकिफ होंगे कि ईट बनाने का कार्य बेहद मुश्किल कार्यों में से एक है।वहीं भारत धीरे -धीरे विकास कर रहा है।जिसके चलते कई बड़े इमारतों का भी आए दिन निर्माण किया जाने लगा है।History TV 18 के अनुसार इमारतों को बनाने में तकरीबन 25 हजार करोड़ ईटों की जरूरत पड़ती है, लेकिन वर्तमान स्थिति में इसकी आपूर्ति सिर्फ 8250 करोड़ ईंटों की हो रही है।

लेकिन हरियाणा के रहने वाले एक शख्स ने इस समस्या का समाधान निकाला है।सतीश चिकारा मूल रूप से हरियाणा के बवाना के रहने वाले है।इन्होंने ही ऑटोमेटिक ईंटों को बनाने की मशीन का आविष्कार किया था। इनसे पहले भी कई ऐसी मशीनों आविष्कार किया जा चुका है ।लेकिन उन मशीनों में भी ईंट बिछाने में लोगो को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था ।लेकिन सतीश के द्वारा बनाई गई, इस मशीन से अब तक ऐसी कोई समस्या नही देखी गई है।

सतीश के द्वारा बनाई गई इस मशीन में कई खासियत है ।इस मशीन को सतीश और उनके भाइयों ने कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया है। इस मशीन से मजदूरों की दिक्कतों को हल किया जा सकेगा और इसके साथ ही ईटों की सही समय ईटों की कमी को पूरा किया संभव हो सकेगा।वर्तमान समय में इस मशीन को हर कोई पसंद कर रहा है ।वहीं बाजारों में भी इस मशीन की काफी सराहना की जा रही है

यहां से मिला आइडिया

असल में 2007 में सतीश ने ईंटों के भट्टे में पार्टनरशिप में कार्य करना शुरू किया था ।इसी दौरान उन्हें कोई लेबर ना मिलने की समस्या को भी झेलना पड़ता था ।जिसके कारण उन्होंने कई बार भारी नुकसान को भी झेलना पड़ा। ऐसे में सतीश को महसूस हुआ कि हर क्षेत्र के लिए मशीनों का आविष्कार किया जा रहा केवल इस क्षेत्र को छोड़कर, इसके बाद से सतीश नई तकनीकी खोजने में लग गए ।

सतीश के इस अद्भुत कार्य में उनके भाई ने भी भरपूर सहयोग दिया। सतीश और उनके भाई ने मिलकर ईटों का निर्माण करने वाली ऑटोमेटिक मशीन बनाने का काम शुरू कर दिया। जबकि सतीश का बैकग्राउंड ऑटोमेशन का बिल्कुल नहीं था, लेकिन कहते हैं ना यदि कुछ करने की इच्छा मन में हो तो बड़ी से बड़ी चीज हासिल की जा सकती है। सतीश के साथ भी ऐसा हुआ। उन्होंने तकरीबन 7 साल तक इस पर मेहनत की और अंत में इस मशीन को बनाने में कामयाब हुए।

कैसे बनती है इससे ईंटें

आपको मालूम होगा की मशीन बेहद शानदार है ।इसकी कई खासियत है।इससे पहले चलिए जानते हैं कि यह मशीन कैसे कार्य करती है? असल में इस मशीन में सबसे पहले फ्लाई ऐश, राइस हस्क को मिलाया जाता है। इसके ठीक बाद काछे माल को मशीन को रखा जाता है।फिर कनवर्टर बेल्ट की सहायता से ये कच्चा माल मशीन के उस हिस्सों में पहुंच जाता है जहां कच्चे माल को ईटों का आकार प्रदान किया जाता है।

इसके बाद उसके बाद जैसे-जैसे मशीन घूमा करती है वैसे वैसे ईंटें भी तैयार होने लगती है।सामान्य रूप से आज भी ज्यादातर ईटों को लोग मैनुअली ही तैयार करते हैं, लेकिन कई लोगों के लिए सतीश के द्वारा बनाई गई इस मशीन काफी उपयोगी साबित हुई है। आमतौर पर ईटों को बनाने के लिए एक मजदूर एक घंटे में महज 80 ईंटों को तैयार करने योग्य होता है। लेकिन इस मशीन के जरिए एक घंटे में 12 हजार ईंटों को तैयार करके, लोगों की काफी समस्या काफी हद तक हल करती है।

जैसा कि आप इस बात से परिचित होंगे कि ईटों के निर्माण करने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है ।वही सतीश कि इस मशीन के जरिए ईटों का निर्माण भी होगा और इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सकेगा ।इसके अलावा इस मशीन से बने ईटों की कीमत भी काफी अधिक नहीं है।यानी कि आपको ईद सस्ते में खरीद सकेंगे और इससे ईटों की आपूर्ति की समस्या भी खत्म हो जाएगी।

विदेशी में भी है इसकी डिमांड


बता दें कि आज भारत के कई हिस्सों में इसी मशीन ईंटें काम लिया जा रहा है। कई लोग सतीश की बनाई इस मशीन को खूब पसंद कर रहे हैं। इस मशीन को सतीश पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के साथ साथ कई देशों में बेच चुके हैं। देश विदेशों में सतीश ने करीब 250 मशीनों को बेचा है। वहाँ भी इस मशीन को खूब पसंद किया जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि आज भारत के कई हिस्सों में इस मशीन के जरिए ईंटें तैयार की जा रही है। कई लोग सतीश की बनाई गई, इस मशीन की खूब प्रशंसा कर रहे हैं। इस मशीन को सतीश ने भारत के अलावा कई देशों में बेचा है ।जैसे कि पाकिस्तान, नेपाल ,बांग्लादेश के अलावा अन्य कई देश इसमें शामिल है।देश विदेशों को मिलाकर अब तक सतीश ने 250 मशीनों को बेचने का काम किया है। सब जगह मशीन की उपयोगिता को लेकर लोग सतीश की प्रशंसा कर रहे हैं।

हरियाणा के इस शख्स ने ऑटोमेटिक ईट बनाने का मशीन का किया आविष्कार,लोगों को कम करनी पड़ेगी मेहनत

कहते हैं ना कि आवश्यकता है अविष्कार की जननी होती है ।भारत में आज भी हुनर की कोई कमी नहीं है ।आज भी भारत के कई ऐसे लोग हैं।जिन्होंने विभिन्न तरह के अविष्कार करके पूरे विश्व में अपनी एक पहचान बनाई है।वही कुछ ऐसे भी लोग हैं ,जिन्होंने अपने अविष्कारों से कई लोगों के काम के बोझ को कम किया है ।आज हम भारत के ऐसे ही एक शख्सियत का जिक्र कर रहे हैं।जिन्होंने अपने एक अद्भुत आविष्कार से कई लोगों के काम काफी सहज करने का प्रयास किया है ,जो कि काफी प्रशंसनीय है।

इसका आविष्कार करने वाले शख्स का नाम सतीश चिकारा है। सतीश ने ऑटोमेटिक ईट बनाने की मशीन का अद्भुत आविष्कार किया है। इसके जरिए बहुत कम समय में ही ढेरों ईंटें तैयार की जा सकेगी। इससे मजदूरों को कम मेहनत करनी पड़ेगी और इमारतों के निर्माण के लिए कमी को पूरा किया जा सकेगा। ये अपने आप में अद्भुत अविष्कार है। जिसे पूरी दुनिया में पहचान मिली है ।तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से

जैसा कि आप इससे वाकिफ होंगे कि ईट बनाने का कार्य बेहद मुश्किल कार्यों में से एक है।वहीं भारत धीरे -धीरे विकास कर रहा है।जिसके चलते कई बड़े इमारतों का भी आए दिन निर्माण किया जाने लगा है।History TV 18 के अनुसार इमारतों को बनाने में तकरीबन 25 हजार करोड़ ईटों की जरूरत पड़ती है, लेकिन वर्तमान स्थिति में इसकी आपूर्ति सिर्फ 8250 करोड़ ईंटों की हो रही है।

लेकिन हरियाणा के रहने वाले एक शख्स ने इस समस्या का समाधान निकाला है।सतीश चिकारा मूल रूप से हरियाणा के बवाना के रहने वाले है।इन्होंने ही ऑटोमेटिक ईंटों को बनाने की मशीन का आविष्कार किया था। इनसे पहले भी कई ऐसी मशीनों आविष्कार किया जा चुका है ।लेकिन उन मशीनों में भी ईंट बिछाने में लोगो को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था ।लेकिन सतीश के द्वारा बनाई गई, इस मशीन से अब तक ऐसी कोई समस्या नही देखी गई है।

सतीश के द्वारा बनाई गई इस मशीन में कई खासियत है ।इस मशीन को सतीश और उनके भाइयों ने कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया है। इस मशीन से मजदूरों की दिक्कतों को हल किया जा सकेगा और इसके साथ ही ईटों की सही समय ईटों की कमी को पूरा किया संभव हो सकेगा।वर्तमान समय में इस मशीन को हर कोई पसंद कर रहा है ।वहीं बाजारों में भी इस मशीन की काफी सराहना की जा रही है

यहां से मिला आइडिया


असल में 2007 में सतीश ने ईंटों के भट्टे में पार्टनरशिप में कार्य करना शुरू किया था ।इसी दौरान उन्हें कोई लेबर ना मिलने की समस्या को भी झेलना पड़ता था ।जिसके कारण उन्होंने कई बार भारी नुकसान को भी झेलना पड़ा। ऐसे में सतीश को महसूस हुआ कि हर क्षेत्र के लिए मशीनों का आविष्कार किया जा रहा केवल इस क्षेत्र को छोड़कर, इसके बाद से सतीश नई तकनीकी खोजने में लग गए ।

सतीश के इस अद्भुत कार्य में उनके भाई ने भी भरपूर सहयोग दिया। सतीश और उनके भाई ने मिलकर ईटों का निर्माण करने वाली ऑटोमेटिक मशीन बनाने का काम शुरू कर दिया। जबकि सतीश का बैकग्राउंड ऑटोमेशन का बिल्कुल नहीं था, लेकिन कहते हैं ना यदि कुछ करने की इच्छा मन में हो तो बड़ी से बड़ी चीज हासिल की जा सकती है। सतीश के साथ भी ऐसा हुआ। उन्होंने तकरीबन 7 साल तक इस पर मेहनत की और अंत में इस मशीन को बनाने में कामयाब हुए।

कैसे बनती है इससे ईंटें

आपको मालूम होगा की मशीन बेहद शानदार है ।इसकी कई खासियत है।इससे पहले चलिए जानते हैं कि यह मशीन कैसे कार्य करती है? असल में इस मशीन में सबसे पहले फ्लाई ऐश, राइस हस्क को मिलाया जाता है। इसके ठीक बाद काछे माल को मशीन को रखा जाता है।फिर कनवर्टर बेल्ट की सहायता से ये कच्चा माल मशीन के उस हिस्सों में पहुंच जाता है जहां कच्चे माल को ईटों का आकार प्रदान किया जाता है।

इसके बाद उसके बाद जैसे-जैसे मशीन घूमा करती है वैसे वैसे ईंटें भी तैयार होने लगती है।सामान्य रूप से आज भी ज्यादातर ईटों को लोग मैनुअली ही तैयार करते हैं, लेकिन कई लोगों के लिए सतीश के द्वारा बनाई गई इस मशीन काफी उपयोगी साबित हुई है। आमतौर पर ईटों को बनाने के लिए एक मजदूर एक घंटे में महज 80 ईंटों को तैयार करने योग्य होता है। लेकिन इस मशीन के जरिए एक घंटे में 12 हजार ईंटों को तैयार करके, लोगों की काफी समस्या काफी हद तक हल करती है।

जैसा कि आप इस बात से परिचित होंगे कि ईटों के निर्माण करने से पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है ।वही सतीश कि इस मशीन के जरिए ईटों का निर्माण भी होगा और इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी किया जा सकेगा ।इसके अलावा इस मशीन से बने ईटों की कीमत भी काफी अधिक नहीं है।यानी कि आपको ईद सस्ते में खरीद सकेंगे और इससे ईटों की आपूर्ति की समस्या भी खत्म हो जाएगी।

विदेशी में भी है इसकी डिमांड

बता दें कि आज भारत के कई हिस्सों में इसी मशीन ईंटें काम लिया जा रहा है। कई लोग सतीश की बनाई इस मशीन को खूब पसंद कर रहे हैं। इस मशीन को सतीश पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश के साथ साथ कई देशों में बेच चुके हैं। देश विदेशों में सतीश ने करीब 250 मशीनों को बेचा है। वहाँ भी इस मशीन को खूब पसंद किया जा रहा है।

जानकारी के लिए बता दें कि आज भारत के कई हिस्सों में इस मशीन के जरिए ईंटें तैयार की जा रही है। कई लोग सतीश की बनाई गई, इस मशीन की खूब प्रशंसा कर रहे हैं। इस मशीन को सतीश ने भारत के अलावा कई देशों में बेचा है। जैसे कि पाकिस्तान, नेपाल ,बांग्लादेश के अलावा अन्य कई देश इसमें शामिल है।देश विदेशों को मिलाकर अब तक सतीश ने 250 मशीनों को बेचने का काम किया है। सब जगह मशीन की उपयोगिता को लेकर लोग सतीश की प्रशंसा कर रहे हैं।

भारत सरकार ने भी सतीश की इस अद्भुत मशीन की काफी तारीफ की है। वहीं भारत सरकार की ओर से सतीश को नेशनल स्टार्टअप अवार्ड 2020 से भी सम्मानित किया गया ।वही हर कोई सतीश के इस अनोखे अविष्कार की प्रशंसा कर रहा है।

Team Saffron

Published by
Team Saffron

Recent Posts

अब से Haryana रोडवेज़ की बसों पर देखने को मिलेगा यह नया स्लोगन, परिवहन मंत्री अनिल विज ने जारी किए आदेश 

अभी तक प्रदेश की जनता ने हरियाणा रोडवेज की बसों पर सिर्फ़ 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ'…

5 days ago

आज जारी हो सकता है Haryana बोर्ड की कक्षा 10वीं का रिजल्ट, ऐसे करें चेक 

प्रदेश के जिन छात्रो ने इस साल हरियाणा बोर्ड की 10वीं कक्षा के एग्जाम दिए…

5 days ago

Haryana के इस जिले की बेटी ने बिना ट्यूशन के ही 12वीं में हासिल किए 95.6%, यहाँ पढ़े पूरी खबर 

अभी हाल ही में हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने 12 वी का रिज़ल्ट जारी किया है,…

5 days ago

इस फसल की खेती करने पर Haryana के किसानों को मिलेंगे प्रति एकड़ 1 हजार रूपये, यहाँ पढ़े पूरी ख़बर 

हरियाणा सरकार आए दिन प्रदेश की जनता के हित में कार्य कर रही है, ताकि…

1 week ago

Haryana के इन जिलों में होगा मॉक ड्रिल, यहाँ जाने इससे जुड़ी सभी जानकारी 

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा में सतर्कता…

2 weeks ago

Haryana शिक्षा बोर्ड ने 10वीं के परिणाम घोषित करने से पहले लिया यह बड़ा फैसला, यहाँ पढ़ें पूरी खबर 

प्रदेश के जिन छात्रों ने इस बार दसवीं की परीक्षा दी है यह खबर उनके…

2 weeks ago