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बॉलीवुड के महानायक के लिए डॉक्टर ने कह दी पत्नी जया बच्चन से इतनी बड़ी बात, बोले ‘आखिरी बार मिल लो ‘

जैसा कि आप जानते होगे की आज से तकरीबन 37 साल पहले 1982 के दिन निर्देशक मनमोहन देसाई की फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन को एक हादसे में काफी चोट लग गई थी। अभिनेता बेंगलुरु से तकरीबन 16 किलोमीटर दूरी पर फिल्म’ कुली ‘की शूटिंग कर रहे थे।

कहा से हुई थी चूक

बॉलीवुड के महानायक के लिए डॉक्टर ने कह दी पत्नी जया बच्चन से इतनी बड़ी बात, बोले 'आखिरी बार मिल लो 'बॉलीवुड के महानायक के लिए डॉक्टर ने कह दी पत्नी जया बच्चन से इतनी बड़ी बात, बोले 'आखिरी बार मिल लो '


फाइट सीन फिल्माने के दौरान पुनीत का मुक्का जो कि सिर्फ अभिनेता को छूना चाहिए था और इसके जोर से अमिताभ को लग गया जिसके बाद अमिताभ बच्चन को एक टेबल के ऊपर से उछलकर दूसरी ओर गिरना था। मगर वो भी मिस हो गया और उस टेबल का कोना अमिताभ के पेट वाले भाग में लग गया

महानायक को इस हॉस्पिटल में एडमिट हुए

अमिताभ की शूटिंग को छोड़कर होटल चले गए, लेकिन कुछ घंटों बाद उन्हें जोरों से दर्द होने लगा। जिसके चलते महानायक को हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा। बेंगलुरु के सेंट फिलोमेनाज़ हॉस्पिटल में भर्ती बाद इन्हें बेहद जल्द ही मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया।

अमिताभ ने साल 2015 में अपने इस एक्सीडेंट के बारे में अपने ब्लॉग में जिक्र करते हुए लिखा था कि अगले 8 दिनों में उनकी दो सर्जरी की गई थी, लेकिन इसके बावजूद उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया ।तबीयत इस कदर बिगड़ गई कि डॉक्टर ने उन्हें तकरीबन मरा हुआ ही समझ लिया ।

डॉक्टर ने जया से ये कहा


1982 को 2 अगस्त 1982 को ब्रिज कैंडी हॉस्पिटल में उनके जीवन पर छाए बादल और भी गहराने लगे।वो जीवन और मृत्यु के बीच झूल रहे थे। कुछ दिनों के अंदर दूसरी सर्जरी करने के बाद कहीं उनको होश आया ।यहां तक कि इनकी पत्नी को जया बच्चन को यह कर कर भेजा गया था।उनके अभिनेता पति की किसी भी समय मौत हो सकती है। इससे पहले वो उनसे आखिरी बार मिल ले।

वहीं अभिनेता का इलाज कर रहे डॉक्टर उड़वालिया ने एक आखिरी प्रयास किया, उन्होंने एक के बाद एक कई कॉर्टिसन इंजेक्शन लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद तो मानो की कोई चमत्कार हो गया । सबसे पहले अभिनेता का अंगूठा पैर का अंगूठा हिला। ये चीज सबसे पहले जया ने नोटिस किया और वह चिल्लाने लगी’ देखो तो वो जिंदा है।’

. कुछ समय बाद अमिताभ बच्चन को होश तो आ गया ,लेकिन घर जाने के लिए ,उनका स्वास्थ्य अभी भी गवारा नहीं कर रहा था। यही वजह है कि उन्हें 2 महीने का और समय लग गया ।24 सितंबर 1982 को एम्बैसेडर कार में वह अपने घर जा पहुंचे।अमिताभ का कहना था कि यह पहला अवसर था।जब उन्होंने अपने पिता डॉ हरिवंश राय बच्चन को मुझे लेकर रोते हुए देखा गया ।अमिताभ को मौत के मुंह से वापस लौटता देख ,उनके के चेहरे पर खुशी के मारे आंसू आ गए। गाड़ी से उतारते ही अमिताभ अपने रोते हुए पिता से लिपट पड़े थे।

Team Saffron

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