कई बार हमने देखा होगा कि हमारे आसपास ऐसी घटनाए होती है, जो आग की तरह फैल जाती और यह सभी को चौंकाने वाली होती हैं। कई बार तो यह घटनाए ऐसी होती है जो सोचने समझने पर मजबूर कर देती हैं, कि आखिर हमने इतना जल्दी निर्णय क्यों लिया। ऐसी ही एक कहानी भागलपुर जिले की भी आई है। जहां पर एक बच्चे से जुड़ी हुई कहानी बहुत चर्चाओं में आ गई। आइए जानते है क्या है पूरा मामला।
आपको बता दे यहां पर एक बच्ची ने जन्म लिया, जिसका जन्म के समय से ही जननांग सटा हुआ था। ऐसे में बच्चे के माता-पिता ने ना आव देखा ना ताव देखा, ना ही उन्होंने बच्ची को डॉक्टर को दिखाया और बच्चे को किन्नर मान लिया। इसके बाद उन्होंने उसका नामकरण कर मनीष नाम रख दिया और समाज में उसे लड़का बताने लगे।
आपको बता दें, 23 साल तक ऐसा ही चलता रहा। वह बच्ची अपने मां बाप के नजरों में किन्नर बनी रही और समाज की नजरों में एक लड़का बना रहा। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसको देखकर सभी चौक गए।
लेकिन किस्मत का लिखा कोई भी नहीं टाल सकता। 23 साल के बाद एक ऐसी स्थिति आई जब मनीष के अंदर पल रही मनीषा जाग उठी और ऑपरेशन के बाद उसे उसके वास्तविक पहचान मिली। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी।
आपको बता दें यह मामला बिहार के भागलपुर का है। यह अजीबोगरीब मामला उस समय सामने आया जब बचपन से मनीष के रूप में दिख रहा लड़का, अचानक से ऑपरेशन करके मनीषा बन गया। जी हां अब इस युवक की पहचान मनीषा के रूप में है।
इतना ही नहीं बल्कि जब मनीष मनीषा के रूप में परिवर्तन हुआ तो, घरवालों को बहुत खुशी हुई और मनीषा को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मनीषा से जुड़ी एक विशेष बात यह है कि वह अब मां भी बन सकती है।
मनीषा ने किन्नर मानकर पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई भी की है। इसके बाद किशोरावस्था में वह कपड़ों की दुकान पर काम करने लगी। लेकिन अब ऑपरेशन के बाद वह पूरी तरह लड़की बन गई है और साथ ही अब वह मां भी बन सकती है। इससे सभी लोग बहुत खुश हैं।
अब मनीषा का कहना है की ऑपरेशन के बाद अब लड़कियों की तरह सजना सवरना व कपड़े पहनने की हर ख्वाहिश पूरी कर सकेगी। अब वह बेझिझक जिंदगी जी सकेगी। पहले उसे डर सताता था कि अगर उसकी यह बात समाज के आगे आएगी तो क्या होगा। अब वह इस चीज से आजाद हो गई।
आपको बता दे, जब मनीषा कपड़े की दुकान में काम कर रही थी तब उसे लड़कियों में होने वाले मासिक धर्म से गुजरना पड़ा। फिर उसका शरीर लड़की के शरीर में बदलना शुरू हो गया और इन सभी बातों की जानकारी उसने अपनी मां को भी दी। मां ने दुकान के मालकीन को जब यह जानकारी दी तो महिला रोग विशेषज्ञ डा.सरस्वती पांडेय से मनीषा को दिखाया गया।
इसी मामले में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.सरस्वती पांडेय कहती हैं कि जब मनीष को उसके पास इलाज के लिए लाया गया तो उसके स्तन विकसित अवस्था में थे। मासिक धर्म आने से स्पष्ट हो गया था कि वह लड़की ही है। वहीं जब उसका अल्ट्रासाउंड कराया गया तो उसमें गर्भाशय विकसित पाया गया। सिर्फ योनि मार्ग सटा हुआ था।
फिर ऑपरेशन के जरिये उसे सही आकार दिया गया। इतना ही नहीं इस मामले में डॉ. सरस्वती पांडेय का कहना है कि उनके जीवन में मनीषा जैसा केस तीसरी बार आया।
वहीं आख़िर में बता दें कि भले ही शुरुआत में घर-परिवार वालों ने नासमझी दिखाई। लेकिन अब सबकुछ बेहतर है और मनीष अब मनीषा बनकर अपनी वास्तविक जिंदगी जीने को आज़ाद है। मालूम हो कि मनीषा अपने तीन भाइयों व चार बहनों में सबसे बड़ी है और वह अब अपने सभी सपने पूरा करना चाहती है।
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